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Uttarakhand helicopter crash: केदारनाथ से लौटते हुआ हादसा, सुबह 5.20 पर हुई दुर्घटना

उत्तराखंड के गौरीकुंड के पास बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा। केदारनाथ से दर्शन कर लौट रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ, 5 श्रद्धालुओं की मौत। रेस्क्यू के लिए SDRF और NDRF की टीमें मौके पर।

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Dhiraj Dhillon
Helicopter met with an accident in Uttarkashi- file photo

Photograph: (Google)

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देहरादून/ नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान रविवार सुबह हादसे का शिकार हुआ ‌हेलीकॉप्टर आर्यन एविएशन का था, जो केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी की ओर लौट रहा था, वह गौरीकुंड-सोनप्रयाग के जंगलों में करीब सुबह 5:20 बजे यह दुखद घटना हुई।इस हेलीकॉप्टर में पायलट समेत कुल सात लोग सवार थे, सभी की मौत हो जाने की जानकारी आ रही है, हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रियों के सकुशल होने की कामना की है।

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दुर्घटना की जानकारी और राहत कार्य

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने पुष्टि की है कि हेलीकॉप्टर में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के यात्री सवार थे। हादसे की सूचना मिलते ही NDRF और SDRF की टीमें मौके के लिए रवाना कर दी गईं हैं। गढ़वाल रेंज के आईजी राजीव स्वरूप के अनुसार, हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ दर्शन के बाद गौरीकुंड के लिए उड़ान भरी थी। जिस स्थान पर यह दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, वह क्षेत्र अत्यंत दुर्गम और घने जंगलों वाला है, जिससे राहत और बचाव कार्य में चुनौतियां आ रही हैं।

आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार

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बताया जा रहा है कि आर्यन एविएशन का यह हेलीकॉप्टर नियमित दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को गुप्तकाशी ले जा रहा था। हादसे के समय मौसम में हल्की खराबी की भी आशंका जताई जा रही है, हालांकि जांच के बाद ही सही कारण स्पष्ट होगा। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक हेलीकॉप्टर में कुल 7 लोग (6 यात्री, 1 पायलट) सवार थे।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

चारधाम यात्रा के दौरान लगातार हो रहे हेलीकॉप्टर हादसों ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इससे पहले भी मई और जून में उत्तरकाशी और केदारनाथ रूट पर हेलीकॉप्टर क्रैश की घटनाएं हो चुकी हैं।
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जांच के बाद होगा वजह का खुलासा

चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ हेलीकॉप्टर सेवाओं की मांग भी बढ़ी है, लेकिन बार-बार हो रहे हादसे प्रशासन और ऑपरेटरों की लापरवाही की ओर इशारा करते हैं। जांच के बाद ही दुर्घटना के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा।
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