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भगोड़े Vijay Mallya का बड़ा खुलासा, बोले- मोदी के मंत्री अरुण जेटली को बताकर विदेश गया था

भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या ने दावा किया है कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। माल्या के अनुसार, उन्होंने जेटली को बताया था कि वह जेनेवा जा रहे हैं।

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Pratiksha Parashar
vijay mallya
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क भारत के भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या (Vijay Malya) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। विजय माल्या ने एक हालिया इंटरव्यू में दावा करते हुए कहा है कि वे वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jetli) को संसद में बताकर आये थे कि मैं विदेश जा रहा हूं। माल्या ने कहा कि मैंने जेटली से बैंको के साथ सेटलमेंट करने को भी कहा था। माल्या ने कहा कि मैं चोर नहीं हूं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पर भी आरोप लगाए हैं। विजय माल्या का यह इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।

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विजय माल्या ने इंटरव्यू में क्या कहा? 

विजय माल्या ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत छोड़ने से पहले मैंने मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली को संसद में बताया था कि मैं विदेश जा रहा हूं।  मैंने उनसे यह भी कहा था कि बैंकों को बोलिए मेरे साथ बैठ कर सेटलमेंट कर लें। इसके बाद मैं संसद से सीधे दिल्ली एयरपोर्ट के लिए निकला। माल्या ने कहा कि उनका पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया, जिसके कारण वो वापस नहीं आ पाए। यह बयान उन्होंने बिजनेस पॉडकास्टर राज शमानी के साथ एक चार घंटे लंबे पॉडकास्ट में दिया, जो हाल ही में शुक्रवार को रिलीज़ हुआ है। 

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माल्या ने मांगी माफी, बोले मैं चोर नहीं हूं

विजय माल्या ने पहली बार किंगफिशर एयरलाइंस की विफलता को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मैं किंगफिशर की असफलता के लिए सभी से क्षमा चाहता हूं। पॉडकास्ट में माल्या ने खुद पर लगे 'चोरी' के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मुझे भगोड़ा कहा जा रहा है, लेकिन मैं भागा नहीं। मैं विदेश एक तय कार्यक्रम के तहत गया था और वापस नहीं आया क्योंकि मेरे पास ठोस कारण थे। लेकिन मुझे चोर क्यों कहा जा रहा है? आखिर चोरी कहां हुई?

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पर लगाए आरोप

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माल्या ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पर भी आरोप लगाए। उनके अनुसार, जब किंगफिशर एयरलाइंस आर्थिक संकट से गुजर रही थी, तब मुखर्जी ने सुझाव दिया था कि कंपनी उड़ानों की संख्या घटाए और कर्मचारियों की छंटनी करे। हालांकि, बाद में उन्हें कहा गया कि ऐसा न करें और बैंक उनकी मदद करेगा। माल्या का कहना है कि इसी भ्रम में एयरलाइन को सभी उड़ानें बंद करनी पड़ीं, और जब उन्होंने कर्ज मांगा, तब कंपनी की हालत खराब होने के कारण मदद नहीं मिली।

करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप

विजय माल्या पर भारत के विभिन्न बैंकों से लगभग ₹9,000 करोड़ के कर्ज को जानबूझकर न चुकाने और धोखाधड़ी का गंभीर आरोप है। 2016 में उन्होंने देश छोड़कर ब्रिटेन में शरण ली, जिसके बाद भारत सरकार ने उन्हें "भगोड़ा आर्थिक अपराधी" घोषित कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, बैंक धोखाधड़ी और कर्ज की हेराफेरी जैसे मामलों में कई चार्जशीट दायर की हैं। 

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भारत ने ब्रिटेन से की प्रत्यर्पण की मांग

किंगफिशर एयरलाइंस के पतन के बाद सामने आया कि कंपनी को उबारने के नाम पर उन्होंने बैंकों से भारी कर्ज लिया, जिसका इस्तेमाल उन्होंने निजी ऐशो-आराम और विदेशी संपत्तियों में किया। भारत सरकार ने कई बार उनके प्रत्यर्पण की कोशिश की है, लेकिन ब्रिटेन की अदालतों में मामला अब भी लंबित है। माल्या खुद को चोर नहीं, बल्कि "वित्तीय रूप से फंसा हुआ व्यवसायी" बताते हैं।  trending news 

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