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नई दिल्ली, वाईबीएन न्यूज। भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने गुरुवार को कहा कि हाल के दिनों में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते इसलिए मजबूत हुए, क्योंकि भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान संघर्ष विराम का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को देने से इनकार कर दिया था। नवभारत टाईम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक इंटरव्यू में विक्रम सूद ने कहा कि अमेरिका में एक 'डीप स्टेट' (गोपनीय ताकत) काम करता है, जो भारत की आर्थिक प्रगति में बाधा डालता है। उन्होंने कहा कि जब भारत ने ट्रंप को संघर्षविराम का श्रेय नहीं दिया, तो पाकिस्तान ने ट्रंप को धन्यवाद कहा और उन्हें नोबेल पुरस्कार के योग्य बताया। सूद के अनुसार, यही डीप स्टेट की रणनीति है, ताकि भारत आगे न बढ़ सके।
'भारत और चीन दोनों से डरता है अमेरिका'
सूद ने कहा कि अमेरिका को भारत की बढ़ती ताकत से डर है। उन्होंने कहा, “चीन के बाद अब भारत भी एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर उभर रहा है। अमेरिका ने चीन से सबक लिया है और उसे डर है कि भारत भी उसके लिए चुनौती बन जाएगा।” RAW के पूर्व प्रमुख ने बताया कि 'डीप स्टेट' शब्द पहली बार तुर्किये में तब इस्तेमाल हुआ, जब एक हादसे में खुफिया एजेंसी, सेना और पुलिस अधिकारियों के साथ एक ड्रग डीलर भी मारा गया। इससे पता चलता है कि डीप स्टेट में शक्तिशाली संस्थान और लोग मिलकर पर्दे के पीछे काम करते हैं।
'डोनाल्ड ट्रंप डीप स्टेट का हिस्सा नहीं'
सूद ने कहा कि मौजूदा समय में डीप स्टेट में कॉरपोरेट जगत, सैन्य खुफिया एजेंसियां और ताकतवर लॉबी शामिल हैं, जो सरकार पर दबाव डालती हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डोनाल्ड ट्रंप इस डीप स्टेट का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में व्हाइट हाउस या कांग्रेस ही नहीं, बल्कि हथियार बनाने वाली कंपनियां और थिंक टैंक भी विदेश नीति को प्रभावित करते हैं। यही ताकत तय करती है कि अमेरिका इस्राइल, पाकिस्तान या भारत को लेकर कैसा रवैया अपनाएगा।
US- PAK Relations