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Waqf Amandment Bill: वक्फ बोर्ड में कौन से बदलाव होंगे?

Waqf Bill: तमाम विरोध के बीच केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लोकसभा में पेश करने जा रही है। वक्फ संशोधन बिल के जरिए वक्फ बोर्ड में कई तरह के बदलाव करने की योजना है। आइए जानते हैं कि वक्फ में कौनसे प्रमुख बदलाव किए जाएंगे। 

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Pratiksha Parashar
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WAQF BOARD BILL
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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Waqf Amandment Bill: तमाम विरोध के बीच केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल (waqf amendment bill 2025) लोकसभा में पेश करने जा रही है। मंगलवार, 2 अप्रैल को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया जाएगा। सरकार के मुताबिक संशोधन का मकसद, वक्फ संपत्तियों के रेगुलेशन और मैनेजमेंट को बेहतर बनाना है। विपक्षी दल और मुस्लिम समुदाय इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वक्फ संशोधन का विरोध क्यों किया जा रहा है। दरअसल, वक्फ संशोधन बिल के जरिए वक्फ बोर्ड (waqf board) में कई तरह के बदलाव करने की योजना है।

संशोधनों का प्रस्ताव

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 में पेश किया गया था। विपक्ष के भारी हंगामे के बाद इसे जेपीसी को भेज दिया गया था। वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य वक्फ एक्ट 1995 में संशोधन करना और मुसलमान वक्फ अधिनियम 1923 को निरस्त करना है। वक्फ संशोधन बिल मौजूदा वक्फ कानून में 40 बदलावों का प्रस्ताव पेश किया गया था, लेकिन जेपीसी में कुछ प्रस्तावों पर सहमति बनी है। आइए जानते हैं कि वक्फ में कौनसे प्रमुख बदलाव किए जाएंगे। 

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राज्य सरकार का नियंत्रण

वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में अब राज्य सरकार का नियंत्रण बढ़ेगा। बोर्ड में गैर मुसलमान सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। एक लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित करने वाले वक्फ संस्थानों की ऑडिट राज्य सरकार द्वारा नियुक्त लेखा परीक्षकों द्वारा कराई जाएगी।  

वक्फ संपत्ति का फैसला

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कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं, इसका फैसला करने के लिए राज्य सरकार कलेक्टर रैंक के अधिकारी की नियुक्ति कर सकती है। अब तक ये मामला वक्फ ट्रिब्यूनल में निपटाया जाता था और इसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती थी। संशोधन के बाद ऊपरी कोर्ट में अपील कर सकते हैं।

संपत्तियों के मनमाने दावों पर अंकुश

वक्फ बोर्ड की मनमानी रोकने के लिए धारा 40 को हटाया गया है, जिससे किसी भी संपत्ति को बिना ठोस आधार के वक्फ घोषित करने की प्रथा पर अंकुश लगाया जाएगा। 

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वक्फ और ट्रस्टों का बंटवारा

मुसलमानों द्वारा बनाए गए ट्रस्ट अब किसी भी कानून के तहत वक्फ के रूप में नहीं माने जाएंगे, जिससे ट्रस्टों पर स्वतंत्र रूप से नियंत्रण बना रहेगा।  

पारदर्शिता बढ़ेगी

वक्फ संपत्तियों को पारदर्शी बनाने की तैयारी है। इसके प्रबंधन को केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से स्वचालित किया जाएगा, जिसमें रजिस्ट्रेशन, ऑडिट, योगदान और कानूनी प्रक्रियाएं शामिल होंगी। इससे, पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ेगी।  

ये मुसलमान ही वक्फ संपत्ति का दान कर सकेंगे

ऐसे मुसलमान जो कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम का पालन कर रहे हैं, अपनी संपत्ति वक्फ को दान कर सकेंगे, जिससे 2013 से पूर्व की नीति पुनः प्रभावी होगी।  

वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा

पहले से पंजीकृत संपत्तियां वक्फ के रूप में मान्य रहेंगी, जब तक कि वे विवादित न हों या सरकारी भूमि के रूप में चिह्नित न की जाएं।  किसी सरकारी संपत्ति को वक्फ के रूप में दावा करने के मामलों की जांच कलेक्टर से वरिष्ठ अधिकारी करेंगे, जिससे अनुचित दावों को रोका जा सके।  

वक्फ में महिलाओं के अधिकार

वक्फ संशोधन के जरिए, वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली संपत्ति के समर्पण से पहले महिलाओं को उनकी वैध विरासत मिलनी सुनिश्चित की जाएगी, विशेष रूप से विधवा महिलाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के लिए यह प्रावधान किए जाएंगे।  

पोर्टल पर देनी होगी जानकारी

मुतवल्लियों (वक्फ़ या मस्जिद की संपत्ति की व्यवस्था या प्रबंध करने वाले व्यक्ति) को छह महीने के भीतर केंद्रीय पोर्टल पर संपत्तियों की जानकारी अपलोड करनी होगी, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। 

गैर-मुस्लिम प्रतिनिधित्व

केंद्रीय और राज्य वक्फ बोर्डों में अब दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किया जाएगा।  इससे वक्फ में गैर मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व भी होगा। 

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