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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
एक ओर जहां वक्फ संसोधन विधेयक को लेकर कुछ मस्लिम संगठन और महिलाएं सरकार के समर्थन में आ गइ हैं वहीं लोकसभा में वक्फ संसोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान एक बड़ी खबर सामने आई है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस संसोधन विधेयक के खिलाफ अदालत जाने की बात कही है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विधेयक को “काला कानून” करार देते हुए समुदाय के अधिकारों को खतरे में डालने वाला बताया है। बोर्ड ने ऐलान किया है कि इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन होंगे और अदालत में भी चुनौती दी जाएगी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ की संपत्तियों को लेकर गहरी चिंता जाहिर करने के साथ ही सरकारी अधिकारी की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं।
कासिम रसूल बोले- देश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे
वक्फ संसोधन विधेयक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने प्रवक्ता डा. सैयद कासिम रसूल इलिहास ने कहा है कि वक्फ की संपत्तियों को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने केयर टेकर के रूप में सरकारी अधिकारी की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में विपक्ष के सदस्यों की बात नहीं सुनी गई। विधेयक संसद में पास होने पर हम सभी कानूनी प्रावधानों का सहारा लेंगे। इस मामले में हम चुप बैठने वाले नहीं है। संसोधनों के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन होंगे। AIMPLB प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि वक्फ संसोधन विधेयक सांप्रदायिक से प्रेरित है। इससे वक्फ की संपत्तियों को नुकसान होगा।रसीद फरंगी बोले- मुस्लिम संगठनों की बात नहीं सुनी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रसीद फरंगी महली ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम संगठनों ने अपनी आपत्तियां संयुक्त संसदीय समिति के सामने रखी थीं, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई। हमारे सुझावों पर विचार नहीं किया गया। इसके बाद दिल्ली और पटना समेत कई शहरों में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन भी हुए लेकिन हमारा पक्ष नहीं सुना गया।
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