मुंबई, वाईबीएन नेटवर्क | सुप्रीम कोर्ट (supreme court) नेनितिन गडकरी (nitin gadkari) पर लगाए आरोप के मामले में बम्बई हाई कोर्ट (High Court) का फैसला बरकारार रखा है। बता दें, नितिन गडकरी के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के 2019 के लोकसभा चुनाव में नागपुर सीट से निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं। अदालत ने भी बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले को सही ठहराया, जिसमें गडकरी के खिलाफ लगे कुछ आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया गया था।
हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कांग्रेस नेता नाना पटोले और मतदाता नफीस खान की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णय में हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि गडकरी ने नामांकन पत्र में संपत्ति और परिवार की आय को लेकर गलत जानकारी दी थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि नितिन गडकरी ने 2024 के आम चुनाव में पुनः नागपुर सीट से जीत दर्ज की है, जो उनकी स्वीकार्यता और विश्वास का प्रमाण है। अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने जो तर्क दिए थे, वे विधिसम्मत और तर्कसंगत हैं। उल्लेखनीय है कि पटोले और खान ने चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं और गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे अब अंतिम रूप से खारिज कर दिया गया है।
याचिकाओं को खारिज करने से इनकार कर दिया
बता दें, उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में चुनाव याचिकाओं को खारिज करने से इनकार कर दिया, लेकिन परिवार के सदस्यों की आय और उनके स्वामित्व वाली भूमि के संबंध में उनमें किए गए कुछ दावों को खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद खान और पटोले दोनों ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। उन्होंने दावा किया कि उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में त्रुटि की है। नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता खान ने आरोप लगाया कि गडकरी ने अपने नामांकन पत्र और चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी दी है। दूसरी ओर, पटोले ने दावा किया कि चुनाव प्रक्रिया के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
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