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Thiruparankundram Controversy : भगवान मुरुगन के घर में मस्जिद से तनाव, धार 163 लागू

तमिलनाडु के मदुरै की थिरुपरनकुंद्रम मुरुगन मंदिर की पहाड़ी को लेकर विवाद जारी है। हिंदू मुन्नानी का दावा है कि ये पहाड़ी भगवान मुरुगा के 6 घरों में एक है, वहीं मुस्लिम समूहों का दावा है कि ये सिकंदर पहाड़ी है।

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Vivek Sharma
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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तमिलनाडु के मदुरै में दो दिन के लिए धारा 163 लगाई गई है। इसकी वजह ये है कि ‘हिंदू मुन्नानी’ और अन्य संगठनों ने आज प्रदर्शन का ऐलान किया है। तमिलनाडु के मदुरै की थिरुपरनकुंद्रम मुरुगन मंदिर की पहाड़ी को लेकर विवाद जारी है. हिंदू मुन्नानी का दावा है कि ये पहाड़ी भगवान मुरुगा के 6 घरों में एक है. वहीं मुस्लिम समूहों का दावा है कि ये सिकंदर पहाड़ी है। इसी को लेकर आज हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करने की बात कही है, लेकिन सरकार की ओर से जिले में धारा 163 लागू कर दी गई। बताया जा रहा है कि थिरुपरनकुंद्रम मुरुगन मंदिर वाली पहाड़ी पर कथित रूप से अवैध मस्जिद बनाने की कोशिश को लेकर और थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी की रक्षा के लिए 4 फरवरी को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है। विरोध कर रहे संगठनों का कहना है कि इस्लामी समूह पहाड़ी पर अतिक्रमण करना चाहता है। ऐसे में इस पहाड़ी को लेकर दो समुदायों में संघर्ष चल रहा है।

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अधिकारों को दबाने का काम

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हिंदू मुन्नानी के प्रदेश अध्यक्ष कादेश्वर सुब्रमण्यम ने तमिलनाडु सरकार की ओर से मदुरै जिले में लगाई गई धारा 163 कड़ी निंदा की है। इससे थिरुपरनकुंद्रम में विरोध प्रदर्शन के अधिकार पर प्रतिबंध लग गया है। सुब्रमण्यम ने आरोप लगाया कि सरकार राज्य में अघोषित आपातकाल लागू कर रही है। लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने का काम कर रही है और धार्मिक अशांति को भड़का रही है।

इस वजह से हो रहा है प्रदर्शन

थिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी तमिलनाडु में भगवान मुरुगा के छह निवासों में से एक है और प्रिवी काउंसिल के फैसले के अनुसार, यह भगवान सुब्रह्मण्य स्वामी के मंदिर के अंतर्गत आता है। हिंदुओं का मानना ​​है कि पहाड़ी पर खून की एक बूंद भी नहीं गिरनी चाहिए। रामनाथपुरम से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सांसद के नवास कानी के दौरे के बाद मामले ने एक और मोड़ ले लिया। उन्होंने कहा कि दरगाह वक्फ संपत्ति है और उन्होंने पहाड़ी पर मांसाहारी भोजन कर रहे लोगों के एक समूह की तस्वीरें भी पोस्ट कीं। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर के मुताबिक पके हुए मांसाहारी भोजन के सेवन पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

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सरकार की मंशा पर उठाया सवाल

उन्होंने पुलिस के उस फैसले का हवाला देते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाया, जिसमें मुसलमानों को विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई. कादेश्वर सुब्रमण्यम ने ये भी कहा कि हिंदुओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए. हिंदू मुन्नानी का दावा है कि ये पहाड़ी भगवान मुरुगा के 6 घरों में एक है. वहीं मुस्लिम संगठन इसे सिकंदर पहाड़ी बताते हैं.

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विरोध प्रदर्शन की इजाजत की अपील

हिंदू फ्रंट ने अपील की है कि हिंदू मुन्नानी को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए. कादेश्वर सुब्रमण्यम ने चेतावनी दी कि अगर सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाना जारी रखती है, तो हिंदू फ्रंट मुरुगा भक्तों के समर्थन से मदुरै में हिंदुओं के लिए स्वतंत्रता संग्राम छेड़ेगा. कादेश्वर सुब्रमण्यम ने यह भी बताया कि पुलिस ने मुस्लिम समूह को पहाड़ी पर मांसाहारी बिरयानी खाने की इजाजत दी थी। उन्होंने इस पर भी सवाल उठाए। बता दें कि थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर भगवान सुब्रह्मण्य स्वामी का मंदिर है। पुलिस ने मंदिर के सामने प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है और थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी के चारों ओर सुरक्षा के लिए 300 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। 

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