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कब-कब हुआ Waqf Board में संशोधन? जानिए

यह पहली बार नहीं है, जब वक्फ बोर्ड में संशोधन किया जा रहा है। भारत में वक्फ परंपरा की शुरुआत तकरीबन 1400 साल पहले से मानी जाती है। तब से लेकर अब तक वक्फ बोर्ड में कई बार बदलाव किए गए। आइए जानते हैं कि वक्फ बोर्ड में कब-कब संशोधन किया गया।

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

Waqf Amandment Bill: वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लोकसभा में पेश हो चुका है। वक्फ संशोधन बिल 2024 का मकसद वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करना है, जिससे वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और विनियमन ठीक से किया जा सके। वक्फ संशोधन बिल पास होने पर वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कई तरह के बदलाव किए जाएंगे। लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब वक्फ बोर्ड में संशोधन किया जा रहा है। भारत में वक्फ परंपरा की शुरुआत तकरीबन 1400 साल पहले से मानी जाती है। तब से लेकर अब तक वक्फ बोर्ड में कई बार बदलाव किए गए। आइए जानते हैं कि वक्फ बोर्ड में कब-कब संशोधन किया गया।

इतिहास और वक्फ बोर्ड की स्थापना

भारत में वक्फ की शुरुआत इस्लाम के आगमन के साथ हुई। इसे औपचारिक रूप से लागू करने का समय निश्चित नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि वक्फ की परंपरा भारत में 12वीं सदी में मोहम्मद गोरी के शासनकाल से शुरू हुई थी। दिल्ली सल्तनत में इसे और बढ़ावा मिला। इसके बाद मुगल काल में भी वक्फ परंपरा को काफी बढ़ावा मिला।  आगे चलकर ब्रिटिश सरकार ने भी वक्फ परंपरा को बढ़ावा दिया और इसे औपचारिक तौर पर अधिकार दिए। ब्रिटिश सरकार ने 1913 में वक्फ बोर्ड की स्थापना की। इसके बाद 1923 में वक्फ एक्ट लागू किया गया, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को कानूनी आधार प्रदान करता था। वक्फ बोर्ड एक्ट 1923 से लागू होने के बाद वक्फ को एक सुव्यवस्थित रूप मिला। आजादी के बाद भारत में इसे अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत चलाया गया।

आजादी के बाद वक्फ बोर्ड 

आजादी के बाद वक्फ बोर्ड का गठन वक्फ एक्ट 1954 के तहत किया गया। 1954 में पारित अधिनियम के तहत एक वैधानिक निकाय, 'सेंट्रल वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया' की स्थापना की गई। वक्फ बोर्ड भारत में वक्फ संपत्तियों की देखरेख और नियंत्रण के लिए एक कानूनी शक्ति देता है। इस एक्ट के तहत, हर राज्य में एक वक्फ बोर्ड का गठन किया जाता है। 

1995 वक्फ अधिनियम

1995 में वक्फ बोर्ड में संशोधन किया गया और इसे मुस्लिमों के और भी ज्यादा अनुकूल बनाया गया। वक्फ अधिनियम 1995 को भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए बनाया गया था। यह वक्फ परिषद, राज्य वक्फ बोर्डों, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुतवल्ली के कर्तव्यों का प्रावधान करता है। 
इस एक्ट में ये प्रावधान किया गया कि वक्फ संपत्तियों को पंजीकरण के तहत लाया जाएगा। इसके साथ ही 1995 के वक्फ एक्ट में प्रावधान किया गया कि वक्फ संपत्तियों से जुड़े किसी भी मामले पर वक्फ ट्रिब्यूनल में फैसला होगा। वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला सिविल कोर्ट से ऊपर माना जाता है। 

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2013 में संशोधन

साल 2013 में वक्फ में एक बार फिर संशोधन किया गया। वक्फ प्रबंधन को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने के लिए साल 2013 में अधिनियम के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया गया। इस बिल के जरिये वक्फ संपत्तियों की बिक्री को भी असंभव बना दिया गया। साल 2022 में वक्फ निरसन विधेयक लाया गया।

वक्फ संशोधन बिल 2024

8 अगस्त 2024 को संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजीजू ने 2024 में वक्फ संशोधन विधेयक-2024 (waqf amendment bill 2024) पेश किया। इसका उद्देश्य बोर्ड की संरचना और कामकाज को बदलना है। दरअसल, सरकार का कहना है कि वक्फ अधिनियम सिर्फ एक ही धर्म को विशेष कानूनी अधिकार देता है। वक्फ मनमाने तरीके से संपत्तियों से संबंधित विवादों का निपटारा करता है। वक्फ बोर्ड वर्तमान में भारत भर में 9.4 लाख एकड़ में फैली 8.7 लाख संपत्तियों को नियंत्रित करता है। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ होल्डिंग है। इसके अलावा, सशस्त्र बलों और भारतीय रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड भारत में सबसे बड़ा भूस्वामी है। इससे जुड़े कई विवाद भी सामने आए हैं। वक्फ संशोधन बिल के जरिए सरकार वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और विनियमन को बेहतर बनाना चाहती है। 

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