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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानिवार, 17 मई की सुबह आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, एनसीपी, भाजपा, शिवसेना और जदयू के एक -एक सांसद शामिल है। सात सांसदों के इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के सांसद शशि थरूर भी हैं। सरकार ने कांग्रेस की तरफ से इस सर्वदलीय मंडल में थरूर को जगह दी। इसके बाद से कांग्रेस में ही अंत:कलह पैदी हो गई। जयराम ने पार्टी द्वारा भेजे गए नामों पर सहमति न जताने के बाद केंद्र पर बेईमानी करने का आरोप लगाया।
थरूर को लेकर हैरानी
कांग्रेस में ही थरूर के नाम को लेकर असमंजस देखने को मिला है। पार्टी का कहना है कि सरकार को जिन चार नामों की सूची भेजी गई थी, उनमें थरूर शामिल नहीं थे। कांग्रेस ने अपने जिन सांसदों के नाम सुझाए थे, वे हैं- आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू को पत्र लिखकर ये नाम भेजे थे। जयराम रमेश का ये बयान सरकार द्वारा शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद, संजय कुमार झा और सुप्रिया सुले सहित सात सांसदों के नामों की घोषणा के कुछ ही समय बाद आया।
Yesterday morning, the Minister of Parliamentary Affairs Kiren Rijiju spoke with the Congress President and the Leader of the Opposition in the Lok Sabha. The INC was asked to submit names of 4 MPs for the delegations to be sent abroad to explain India's stance on terrorism from…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 17, 2025
नफरत क्यों करते हैं राहुल गांधी
जयराम रमेशके इस ट्वीट के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इस मुद्दे को उठाते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा और उन पर भारत के लिए बोलने वाले अपने ही पार्टी के लोगों से नफरत करने का आरोप लगाया। भंडारी ने एक्स पर लिखा, "तो जयराम रमेश अपने ही कांग्रेसी शशि थरूर का संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने पर विरोध करते हैं! राहुल गांधी भारत के लिए बोलने वाले हर व्यक्ति से नफरत क्यों करते हैं, यहां तक कि अपनी पार्टी में भी?
So Jairam Ramesh opposes his own Congressmen Shashi Tharoor for being chosen to lead one of the Parliamentary delegation!
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) May 17, 2025
Why does Rahul Gandhi hate every individual who speaks for India, even in his own party? https://t.co/4L7cFLhMKC
कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित नामों पर हमला
भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीयने भी कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित नामों पर हमला किया और कहा कि "राजनयिक बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कांग्रेस पार्टी के विकल्प न केवल दिलचस्प हैं - वे बहुत ही संदिग्ध हैं। उदाहरण के लिए, भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल में सैयद नसीर हुसैन को शामिल करना। यह वास्तव में चौंकाने वाला है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए - यह उनके समर्थक थे जिन्होंने राज्यसभा में उनकी जीत का जश्न मनाते हुए विधान सौध के अंदर "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाए थे। बेंगलुरु पुलिस ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट, परिस्थितिजन्य साक्ष्य और गवाहों की गवाही के आधार पर इस घटना के सिलसिले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
The Congress party’s choices to represent India at diplomatic meetings are not just intriguing — they are deeply questionable.
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 17, 2025
Take, for instance, the inclusion of Syed Naseer Hussain in a delegation representing India. It is truly shocking. Let’s not forget — it was his… https://t.co/10e95JrKUv
No one can deny Shashi Tharoor’s eloquence, his long experience as a United Nations official, and his deep insights on matters of foreign policy.
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 17, 2025
So why has the Congress Party — and Rahul Gandhi in particular — chosen not to nominate him for the multi-party delegations being…
पाकिस्तान में 15 दिन बिताने का आरोप
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गोगोई पर पाकिस्तान में 15 दिन बिताने का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि उनके आगमन और प्रस्थान को अटारी सीमा पर आधिकारिक रूप से दर्ज किया गया था। सरमा ने आगे दावा किया कि गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न भारत लौटने से पहले पहले सात दिनों तक उनके साथ थीं, जबकि गोगोई इस्लामाबाद में ही रहे। जाहिर है, लौटने पर गोगोई लगभग 90 युवाओं को पाकिस्तान दूतावास ले गए - जिनमें से कई कथित तौर पर इस बात से अनजान थे कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है।
100 से अधिक आतंकवादी मारे गए
प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के निरंतर समर्थन के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के सटीक हमलों के पीछे के औचित्य को समझाना है। यह पहली बार है कि केंद्र कश्मीर और सीमा पार आतंकवाद पर भारत का रुख पेश करने के लिए कई दलों के सांसदों को नियुक्त करेगा। ब्रीफिंग और प्रेजेंटेशन में सहायता के लिए प्रत्येक समूह के साथ एक विदेश मंत्रालय का अधिकारी भी जाएगा। 7 मई को शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले का सीधा सैन्य जवाब था जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारतीय हमलों में कथित तौर पर 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
pahalgam attack | Operation Sindoor