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अक्षय तृतीया, सनातन धर्म में एक अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण पर्व है, जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 2025 में यह पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन को "अबूझ मुहूर्त" के रूप में जाना जाता है, अर्थात इस दिन कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करना या खरीदारी करना बिना पंचांग देखे शुभ माना जाता है। विशेष रूप से सोना, चांदी और अन्य कीमती वस्तुओं की खरीदारी इस दिन अक्षय फल देने वाली मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए कार्यों का पुण्य और लाभ कभी नष्ट नहीं होता।
ये वस्तुएं लाने से करें परहेज
हालांकि, इस शुभ दिन पर कुछ वस्तुओं को घर लाने से बचना चाहिए, क्योंकि इन्हें अशुभ माना जाता है और इनके कारण मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं, जिससे धन हानि, सुख-शांति में कमी और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सकता है। ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, निम्नलिखित छह चीजों को अक्षय तृतीया के दिन घर लाने से परहेज करना चाहिए। इस लेख में इन चीजों के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
1. धारदार वस्तुएं (चाकू, कैंची, कुल्हाड़ी आदि)
अक्षय तृतीया के दिन चाकू, कैंची, छुरी, कुल्हाड़ी जैसी धारदार वस्तुओं की खरीदारी करना या घर लाना अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धारदार वस्तुएं मंगल ग्रह से संबंधित होती हैं, जो क्रोध, विवाद और तनाव का प्रतीक हो सकता है। ऐसी वस्तुएं घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं और परिवार में झगड़े, तनाव या कलह का कारण बन सकती हैं। मान्यता है कि इस दिन ऐसी चीजें खरीदने से घर की शांति भंग होती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता। इसके बजाय, इस दिन चांदी, तांबा या पीतल जैसे शुभ धातुओं से बनी वस्तुएं खरीदना बेहतर होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक हैं।
2. काले रंग की वस्तुएं
काला रंग शनि ग्रह और नकारात्मकता से जुड़ा हुआ माना जाता है। अक्षय तृतीया जैसे शुभ दिन पर काले रंग के कपड़े, सामान या कोई अन्य वस्तु खरीदना या घर लाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है, जिससे आर्थिक समस्याएं और मानसिक अशांति उत्पन्न हो सकती है। इस दिन लाल, पीले या सुनहरे रंग की वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि ये रंग सूर्य और गुरु ग्रह से संबंधित हैं, जो समृद्धि और सकारात्मकता के प्रतीक हैं। उदाहरण के लिए, पीले रंग की सरसों या लाल कपड़े में लपेटी गई कौड़ियां खरीदना मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है।
3. टूटी-फूटी या खराब वस्तुएं
अक्षय तृतीया पर टूटे-फूटे बर्तन, कांच, फर्नीचर या किसी भी प्रकार की खराब वस्तुओं को घर लाना सख्त मना है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, टूटी-फूटी चीजें नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होती हैं और मां लक्ष्मी को अप्रिय हैं। ऐसी वस्तुएं घर में रखने से धन हानि, स्वास्थ्य समस्याएं और पारिवारिक अशांति हो सकती है। इस दिन नई और शुद्ध वस्तुओं की खरीदारी को प्राथमिकता देनी चाहिए। उदाहरण के लिए, मिट्टी का घड़ा, चांदी के बर्तन या तुलसी का पौधा खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, घर में पहले से मौजूद टूटे-फूटे सामान को भी इस दिन से पहले हटा देना चाहिए।
4. कांटेदार पौधे (कैक्टस, बबूल आदि)
कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस या बबूल को अक्षय तृतीया के दिन घर लाना वास्तु दोष उत्पन्न करता है। ये पौधे नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और घर में रुकावटें, तनाव और आर्थिक समस्याएं ला सकते हैं। ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिन तुलसी, मनी प्लांट, आंवला या दूर्वा जैसे शुभ पौधे खरीदना चाहिए, जो सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक हैं। तुलसी का पौधा विशेष रूप से मां लक्ष्मी को प्रिय है और इसे घर में स्थापित करने से धन और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
5. प्लास्टिक, स्टील या एल्युमीनियम के बर्तन
अक्षय तृतीया पर बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है, लेकिन प्लास्टिक, स्टील या एल्युमीनियम से बने बर्तनों की खरीदारी से बचना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, ये सामग्रियां राहु ग्रह से प्रभावित होती हैं, जो नकारात्मकता और दरिद्रता का कारण बन सकता है। इसके बजाय, चांदी, तांबा, पीतल या कांसे के बर्तन खरीदना चाहिए, क्योंकि ये धातुएं शुभता, स्वास्थ्य और धन-समृद्धि का प्रतीक हैं। उदाहरण के लिए, तांबे का कलश या चांदी का दीपक खरीदना मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
6. पुराना या सेकंड-हैंड सामान
अक्षय तृतीया नए शुरुआत और समृद्धि का दिन है, इसलिए इस दिन पुराना या सेकंड-हैंड सामान जैसे कपड़े, जूते, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण या फर्नीचर खरीदना अशुभ माना जाता है। ऐसी वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं और मां लक्ष्मी की कृपा में बाधा उत्पन्न करती हैं। इस दिन नई और शुद्ध वस्तुओं की खरीदारी को प्राथमिकता देनी चाहिए, जैसे सोना, चांदी, शंख, कौड़ी या पारद शिवलिंग। ये वस्तुएं धन, सुख और समृद्धि को आकर्षित करती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।
बचाव के उपाय और शुभ विकल्प
अक्षय तृतीया पर इन चीजों से परहेज करने के साथ-साथ कुछ शुभ वस्तुओं की खरीदारी करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
सोना या चांदी: ये धातुएं समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक हैं। अगर बजट कम है, तो छोटे सिक्के या आभूषण खरीदे जा सकते हैं।
जौ या पीली सरसों: ये सोने के समान शुभ माने जाते हैं। इन्हें लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन वृद्धि होती है।
कौड़ी: मां लक्ष्मी को कौड़ी प्रिय है। 11 कौड़ियों को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा स्थान पर रखने से धन की कमी नहीं होती।
मिट्टी का घड़ा: इसे खरीदकर घर में रखने से धन की कमी नहीं होती।
शंख या श्रीयंत्र: ये वस्तुएं सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आकर्षित करती हैं।
पं अरुण प्रकाश शर्मा के अनुसार, अक्षय तृतीया का दिन धन, समृद्धि और सुख-शांति को आकर्षित करने का विशेष अवसर है। इस दिन शुभ वस्तुओं की खरीदारी और पूजा-पाठ से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त की जा सकती है। हालांकि, धारदार वस्तुएं, काले रंग की चीजें, टूटी-फूटी वस्तुएं, कांटेदार पौधे, प्लास्टिक/स्टील के बर्तन और पुराना सामान खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं और धन हानि का कारण बन सकती हैं। सही वस्तुओं का चयन और वास्तु-ज्योतिष के नियमों का पालन करके इस शुभ दिन का अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है।