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Chaitra Navratri, मां चंद्रघंटा की पूजा से पाएं सुख-समृद्धि और शांति

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन यान‍ि मंगलवार को मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। मां चंद्रघंटा का स्वरूप शांत, सौम्य और ममतामयी है, जो अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करती हैं।

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Ranjana Sharma
Maa Chandraghanta

नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन यान‍ि मंगलवार को मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। मां चंद्रघंटा का स्वरूप शांत, सौम्य और ममतामयी है, जो अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करती हैं। पीले वस्त्र, पीले फूल और पीली मिठाइयां मां को अत्यधिक प्रिय हैं। आइए जानते हैं, नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए।

आत्मविश्वास में होती है वृद्धि 

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का विशेष महत्व है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां चंद्रघंटा का रूप अत्यंत शांत, सौम्य और ममतामयी है, जो भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करता है। इस दिन पूजा करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। जीवन में खुशहाली आती है और सामाजिक प्रतिष्ठा में भी बढ़ोतरी होती है। पूजा के प्रभाव से व्यक्ति को अधिक सम्मान प्राप्त होता है। मां चंद्रघंटा का रूप विशेष रूप से सरल और शांति से भरा हुआ है। वे अपने भक्तों की समृद्धि और सफलता में वृद्धि करने के लिए प्रसिद्ध हैं। मां चंद्रघंटा की पूजा से न केवल भौतिक सुख में वृद्धि होती है, बल्कि समाज में भी आपका प्रभाव बढ़ता है। इस वर्ष, द्वितीया और तृतीया नवरात्रि का व्रत एक ही दिन किया जाएगा। अब जानते हैं, मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, भोग, पूजा मंत्र और आरती के बारे में।

मां चंद्रघंटा का स्वरूप

मां चंद्रघंटा के मस्तक पर एक घंटे के आकार का चंद्रमा स्थित है, जिससे उनका नाम 'चंद्रघंटा' पड़ा। यह नाम उनके दिव्य रूप को दर्शाता है, जिसमें अद्वितीय तेज और ममता समाहित हैं। उनका रूप शांतिपूर्ण होने के साथ-साथ अत्यधिक शक्तिशाली है, जो हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि प्रदान करता है। मां चंद्रघंटा की पूजा से जीवन के सभी पहलुओं में सफलता मिलती है। इस दिन विशेष रूप से सूर्योदय से पहले पूजा करनी चाहिए, क्योंकि इस समय मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पूजा में लाल और पीले गेंदे के फूल चढ़ाने का विशेष महत्व है, क्योंकि ये फूल मां की ममता और शक्ति के प्रतीक हैं।

मां चंद्रघंटा पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठें: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।

  • मां को अर्पित करें: पूजा में मां को लाल और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।

  • कुमकुम और अक्षत अर्पित करें: फिर मां को कुमकुम और अक्षत अर्पित करें।

  • पीले रंग का प्रयोग करें: चूंकि मां को पीला रंग प्रिय है, इसलिए पूजा में पीले रंग के फूलों और वस्त्रों का उपयोग करें।

  • भोग अर्पित करें: मां को पीले रंग की मिठाई और दूध से बनी खीर का भोग अर्पित करें।

  • मंत्र जाप और आरती: पूजा के दौरान मां के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। अंत में, मां चंद्रघंटा की आरती का पाठ करें।

मां चंद्रघंटा लगाएं यह भोग

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नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को खीर का भोग अर्पित करना सबसे उत्तम माना जाता है। विशेष रूप से केसर की खीर मां को अत्यधिक प्रिय है। इसके अलावा, लौंग, इलायची, पंचमेवा और दूध से बनी मिठाइयां भी मां को भोग के रूप में अर्पित की जा सकती हैं। भोग में मिसरी और पेड़े भी अर्पित किए जा सकते हैं

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