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Chaitra Navratri कल से शुरू, जानिए कैसे करें महामाई को प्रसन्न

कल यानी 30 मार्च  से नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है। जो हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण और पावन माना जाता है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन को शुभ मुहूर्त में घटस्थापना, जिसे कलश स्थापना का द‍िन भी कहा जाता है।

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Ranjana Sharma
Chaitra Navratri
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कल यानी 30 मार्च  से नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है। जो हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण और पावन माना जाता है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन को शुभ मुहूर्त में घटस्थापना, जिसे कलश स्थापना का द‍िन भी कहा जाता है। इस दिन जौ बोने के साथ-साथ कई लोग अखंड ज्योति भी जलाते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और 6 अप्रैल को समाप्त होगी। इस दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा 9 दिनों तक भक्ति भाव से करते हैं। माना जाता है कि जो भक्त मां दुर्गा की भक्ति और श्रद्धा से पूजा करते हैं, वे इन 9 दिनों में मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करते हैं और मां उनके घरों में विराजमान होकर आशीर्वाद देती हैं।

भक्‍तों के दुखों को करती हैं दूर

नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा का महत्व है। क्योंकि इन 9 रूपों में देवी ने राक्षसों का वध किया था वहीं भक्‍तों के दुखों को दूर क‍िया था। भक्त इन रूपों की पूजा करते हुए अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं। नवरात्रि के इन पावन दिनों में आमतौर पर मास, शराब आदि का सेवन नहीं किया जाता,और कई लोग प्याज, लहसुन का भी परहेज करते हैं।
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मां शैलपुत्री भोग रेसिपी

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन माता को लाल रंग के फूल अर्पित किए जाते हैं। मां शैलपुत्री को भोग में गाय के दूध से बनी खीर अर्पित की जाती है। खीर बनाने के लिए आपको गाय का दूध, चीनी, इलायची, साबूदाना, मखाना आदि की आवश्यकता होती है।

मां शैलपुत्री पूजन विधि

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  • प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • फिर मंदिर या पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें।
  • पूजा से पहले अखंड ज्योति प्रज्वलित करें और शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करें।
  • अब चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां का चित्र स्थापित करें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करें।
  • सबसे पहले गणेश जी का आह्वान करें और फिर हाथ में लाल रंग का पुष्प लेकर मां शैलपुत्री का आह्वान करें।
  • पूजा के दौरान लाल रंग के फूलों का उपयोग करें।
  • मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध और पुष्प अर्पित करें।
  • मां के मंत्रों का जाप करें और घी से दीपक जलाएं।
  • इसके बाद मां की आरती करें, शंखनाद करें, घंटी बजाएं और अंत में प्रसाद अर्पित करें।
  • मां शैलपुत्री मंत्र

मां शैलपुत्री की पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें"ऊं ऐं ह्नीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:। इस मंत्र का जाप करते हुए मां शैलपुत्री से कृपा प्राप्त करें और नवरात्रि के इन पावन दिनों में अपनी पूजा को और भी सशक्त बनाएं।

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