Mahashivratri : महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव की पूजा और उपासना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से भगवान शिव के भक्तों के लिए एक शुभ अवसर होता है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ और पार्वती जी की विधिविधान से पूजा अर्चना और व्रत रखने से इच्छाएं पूरी होती हैं। यदि आप भी इस महापर्व पर व्रत और पूजा करना चाहते हैं, तो यहां जानें कि इस दिन किस प्रकार व्रत और पूजा की जाती है, ताकि आपकी इच्छाएं पूरी हो सकें।
महाशिवरात्रि पर व्रत का है विशेष महत्व
महाशिवरात्रि का व्रत रखना बहुत ही लाभकारी माना जाता है, लेकिन इसके लिए कुछ खास नियम और विधियां होती हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है। इस दिन विशेष रूप से उपवास रखना और रात्रि जागरण करना शुभ माना जाता है। व्रत के दौरान भक्तों को सत्य बोलने, अहिंसा बरतने और अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करना चाहिए। व्रत का उद्देश्य शरीर और मन को पवित्र करना है। इस दिन व्रत में स्वच्छता का ध्यान रखें और पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें। इसके बाद गंगाजल या शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराएं। फिर चंदन, फूल, बेलपत्र, धतूरा, अखंड दीपक और ताजे फल भगवान शिव को अर्पित करें।
पूजा विधि
- प्रभातकालीन पूजा : महाशिवरात्रि की पूजा की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से करें। पूजा स्थल को शुद्ध करके भगवान शिव का ध्यान करें।
- शिवलिंग का अभिषेक: शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और गंगाजल चढ़ाना चाहिए। साथ ही बेलपत्र अर्पित करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
- मंत्र जाप : इस दिन विशेष रूप से 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप निरंतर 108 बार किया जाता है, ताकि भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो।
- रात्रि जागरण : महाशिवरात्रि की रात को जागरण करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। रातभर शिव भजनों का आयोजन करें और शिव की महिमा का गुणगान करें।
- अर्चना और ध्यान : रातभर ध्यान करने और भगवान शिव के नाम का जप करने से मानसिक शांति मिलती है और मनुष्य की इच्छाएं पूरी होती हैं।
महाशिवरात्रि व्रत का मिलता है फल
- महाशिवरात्रि का व्रत व्यक्ति को समृद्धि और ऐश्वर्य प्रदान करता है।
- इस दिन की पूजा से मानसिक शांति मिलती है और जीवन की समस्याएं हल होती हैं।
- इस दिन शिवजी की पूजा करने से पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का पर्व विशेष रूप से भगवान शिव के विवाह से जुड़ा हुआ है। इस दिन को शिवजी की महानता का आदान-प्रदान करने का एक अवसर माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि इस दिन भगवान शिव की उपासना से सभी दुखों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
भगवान को शिव को गंगाजल जरूर करें अर्पित
गरुड़ पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि से एक दिन पहले त्रयोदशी तिथि में भगवान शिव की पूजा और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद चतुर्दशी तिथि को निराहार व्रत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को गंगा जल अर्पित करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और श्रद्धालु को उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति मिलती है।