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Valsad District में महाशिवरात्रि महोत्सव की शुरुआत, 16 फीट ऊंचा Rudraksha Shivling आकर्षण का केंद्र

गुजरात के वलसाड जिले के धरमपुर तहसील स्थित वांकल गांव में इस साल महाशिवरात्रि महोत्सव की भव्य शुरुआत हो चुकी है। यहां 16 फीट ऊंचे रुद्राक्ष शिवलिंग की स्थापना की गई है।

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Ranjana Sharma
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वलसाड, आईएएनएस। 

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Mahashivratri : गुजरात के वलसाड जिले के धरमपुर तहसील स्थित वांकल गांव में इस साल महाशिवरात्रि महोत्सव की भव्य शुरुआत हो चुकी है। यहां 16 फीट ऊंचे रुद्राक्ष शिवलिंग की स्थापना की गई है। यह अब श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इस शिवलिंग का निर्माण संत बटुक महाराज ने किया है, जो पहले ही लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में चार बार अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।

36 लाख रुद्राक्षों से बनाया विशेष शिवलिंग

यह विशेष शिवलिंग 36 लाख रुद्राक्षों से बनाया गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ माना जाता है। इसका अभिषेक करने से पुण्य प्राप्त होता है, इसलिए रुद्राक्ष से बने शिवलिंग की पूजा का महत्व बहुत बढ़ जाता है।

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ऐसे हुआ रुद्राक्ष का निर्माण

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के नेत्रों से जो आंसू गिरे, उन्हीं से रुद्राक्ष का निर्माण हुआ था। रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे पूजा में विशेष स्थान प्राप्त है। यही कारण है कि वांकल गांव में 36 लाख रुद्राक्षों से निर्मित यह विशाल शिवलिंग भक्ति और श्रद्धा का मुख्य केंद्र बन चुका है।

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ऊर्जा से भरपूर और शक्तिशाली है रुद्राक्ष

रुद्राक्ष से बने शिवलिंग को अत्यधिक ऊर्जा से भरपूर और शक्तिशाली माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस पर जल चढ़ाने से शिवलिंग की पूजा का फल प्राप्त होता है। प्राकृतिक वातावरण में स्थापित इस महाकाय रुद्राक्ष शिवलिंग के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु वांकल गांव पहुंच रहे हैं। यहां शिवकथा का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक आनंद मिल रहा है।

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विश्व का सबसे ऊंचा रुद्राक्ष शिवलिंग बना

यह अब विश्व का सबसे ऊंचा रुद्राक्ष शिवलिंग बन चुका है। 16 फीट ऊंचे इस शिवलिंग के निर्माण में 36 लाख रुद्राक्षों का उपयोग किया गया है। इस उपलब्धि के लिए उन्हें रिकॉर्ड बुक ऑफ इंडिया द्वारा सम्मानित किया गया है। इस अद्भुत और भव्य शिवलिंग के दर्शन से श्रद्धालु आस्था और शक्ति की भावना महसूस कर रहे हैं।

जीवन का सबसे आनंदमय क्षण

शिव भक्त शरद ठाकुर ने बताया​ कि "मुझे यहां आकर ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं शिव के शरण में आ गया। मैं कहूंगा कि यह मेरे जीवन का सबसे आनंदमय क्षण है। यह भव्य, दिव्य और अद्भुत शिवलिंग है। मैंने अपने जीवन में ऐसा शिवलिंग पहली बार देखा है। मैं वर्तमान में जिस तरह से आनंद की अनुभूति प्राप्त कर रहा हूं, उसका वर्णन कर पाना भी मेरे लिए मुश्किल लग रहा है। मैं शिवमय हो रहा हूं।

वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया द्वारा प्रमाणित किया जा चुका है

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अध्यक्ष पवन सोलंकी ने बताया कि बटुक भाई ने धर्मपुर में एक विशाल शिवलिंग का निर्माण किया है, जिसे अब वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया द्वारा प्रमाणित किया जा चुका है। यह शिवलिंग 16 फीट ऊंचा है और इसका डायमीटर 16 फीट है। इस शिवलिंग को बनाने में 36 लाख रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे और भी खास बनाता है।

अद्भुत निर्माण के लिए मिला सम्मान

उन्होंने आगे बताया कि इस अद्भुत निर्माण के लिए बटुक भाई की टीम को प्रमाण पत्र दिया गया। यह शिवलिंग विश्व में पहली बार धर्मपुर जैसी छोटी सी जगह में स्थापित किया गया है, जो इस क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। बटुक महाराज ने मीडिया को बताया कि उनकी टीम ने विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग स्थापित किया है, जो 16 फुट ऊंचा है और इसमें छत्तीस लाख रुद्राक्ष का उपयोग किया गया है। इस विशाल शिवलिंग के निर्माण में करीब 76 दिन का समय लगा। चौथे दिन इसे पूरा किया गया।

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