Advertisment

Prasad for Lord Hanuman: कौन से भोग लगाने से प्रसन्न होते हैं बजरंगबली?

ऐसा माना जाता है कि यदि भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करें और उन्हें प्रिय भोग अर्पित करें, तो वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और हर इच्छा को पूर्ण करते हैं। विशेष रूप से हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार को उनकी पूजा का विशेष महत्व होता है।

author-image
Mukesh Pandit
hanumanji
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Prasad for Lord Hanuman: हनुमानजी केवल एक देवता नहीं, बल्कि शक्ति, साहस और अटूट भक्ति के प्रतीक हैं। उनकी उपासना न केवल शारीरिक और मानसिक बल प्रदान करती है, बल्कि जीवन में आ रही हर बाधा को दूर करने का मार्ग भी प्रशस्त करती है। भक्तों का विश्वास है कि हनुमानजी की कृपा जिस पर भी बरसती है, वह हर विपत्ति से निडर होकर विजयी होता है। यही कारण है कि उन्हें संकटमोचन कहा जाता है।

Advertisment

ऐसा माना जाता है कि यदि भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करें और उन्हें प्रिय भोग अर्पित करें, तो वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और हर इच्छा को पूर्ण करते हैं। विशेष रूप से हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार को उनकी पूजा का विशेष महत्व होता है। इन दिनों में उनके पसंदीदा भोग अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शुभता का संचार होता है।  hindu | hindu festival | hindufestival | hindu god | hinduism | Hindu Mythology

हनुमानजी को प्रसन्न करने वाले भोग

हनुमानजी को सादगी और शुद्धता प्रिय है, इसलिए उनके लिए भोग में शुद्ध और सात्विक सामग्री का उपयोग करना चाहिए। 

Advertisment

लड्डू: बेसन के लड्डू या मोटे आटे (मोटा अनाज) के लड्डू हनुमानजी को विशेष रूप से पसंद हैं। इन्हें शुद्ध घी में बनाकर भोग लगाना चाहिए। लड्डू उनकी शक्ति और भक्ति का प्रतीक माने जाते हैं।

चूरमा: गेहूं के आटे से बना चूरमा, जिसमें घी और गुड़ मिलाया जाता है, हनुमानजी को अर्पित करने के लिए उत्तम है। यह भोग उनकी प्रसन्नता के लिए शुभ माना जाता है।

केला: हनुमानजी को फल के रूप में केला बहुत प्रिय है। केले को शुद्ध मन से अर्पित करने से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इमरती: इमरती, जो उड़द की दाल से बनाई जाती है, हनुमानजी को भोग के रूप में चढ़ाई जाती है। इसे मंगलवार को विशेष रूप से अर्पित किया जाता है।

Advertisment

हलवा: सूजी या गेहूं के आटे का हलवा, जिसमें शुद्ध घी और चीनी का उपयोग हो, हनुमानजी को प्रिय है। इसे भोग के रूप में चढ़ाने से भक्तों को मानसिक शांति मिलती है

तुलसी पत्र: हनुमानजी श्रीराम के भक्त हैं, इसलिए भोग में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करना चाहिए। यह उनकी भक्ति को और गहरा करता है।

ध्यान दें: भोग हमेशा शुद्धता के साथ बनाएं। भोग में प्याज, लहसुन या मांसाहारी सामग्री का उपयोग न करें। भोग चढ़ाने से पहले उसे शुद्ध जल से धोएं और हनुमानजी के सामने रखकर मंत्रों का जाप करें।

Advertisment

मंगलवार को भोग लगाने के लाभ

मंगलवार को हनुमानजी को भोग लगाने और उनकी पूजा करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

संकट निवारण: हनुमानजी को संकटमोचन कहा जाता है। मंगलवार को भोग लगाने से जीवन के सभी कष्ट, जैसे आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और शत्रु बाधा, दूर होती हैं।

मंगल दोष का निवारण: जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके लिए मंगलवार की पूजा विशेष रूप से लाभकारी है। इससे मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव कम होते हैं।

साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि: हनुमानजी की पूजा से भक्तों में साहस, शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो जीवन में असफलता या भय का सामना कर रहे हैं।

मनोकामना पूर्ति: मंगलवार को नियमित रूप से भोग लगाने और हनुमानजी की पूजा करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं, चाहे वह नौकरी, विवाह या संतान प्राप्ति से संबंधित हों।

नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: हनुमानजी की कृपा से घर और जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

मंगलवार को मंत्र जाप और पूजा की विधि

पूजा सामग्री:

हनुमानजी की मूर्ति या चित्र
लाल वस्त्र और लाल फूल (गुड़हल या गुलाब)
तुलसी पत्र
शुद्ध घी का दीपक
धूपबत्ती
भोग (लड्डू, चूरमा, केला आदि)
चमेली का तेल और सिन्दूर
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड की पुस्तक

पूजा विधि:

शुद्धता : सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
हनुमानजी का आसन : हनुमानजी की मूर्ति या चित्र को लाल वस्त्र पर स्थापित करें। उनके सामने घी का दीपक और धूप जलाएं।
सिन्दूर और तेल अर्पण : हनुमानजी को चमेली का तेल और सिन्दूर अर्पित करें। यह उनकी कृपा प्राप्त करने का विशेष उपाय है।

मंत्र जाप: निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:

हनुमान मंत्र:ॐ हं हनुमते नमःइस मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र सभी संकटों को दूर करता है।

संकटमोचन मंत्र :
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।
इस मंत्र का 11 बार जाप करें।

हनुमान चालीसा पाठ: हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें। यदि समय हो तो सुंदरकांड का पाठ भी करें।
भोग अर्पण: तैयार भोग को हनुमानजी के सामने रखें और प्रार्थना करें कि वे इसे स्वीकार करें। भोग को तुलसी पत्र के साथ अर्पित करें।
आरती: हनुमानजी की आरती करें और अपनी मनोकामना उनके सामने रखें।
प्रसाद वितरण: भोग को प्रसाद के रूप में परिवार और अन्य भक्तों में बांटें।

मंत्र जाप के लिए विशेष सुझाव:
जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
जाप करते समय मन को एकाग्र रखें और हनुमानजी के चरणों में ध्यान लगाएं।
मंगलवार को व्रत रखने से पूजा का प्रभाव और बढ़ता है। व्रत में फलाहार या सात्विक भोजन करें।

Hindu Mythology hinduism hindu god hindufestival hindu festival hindu
Advertisment
Advertisment