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Pradosh Vrat : भगवान शिव को समर्पित इस व्रत से मिलती है मानसिक शांति, जानें व्रत का महत्व और पूजा विधि

एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है जो हर माह की त्रयोदशी तिथि को विधि-विधान से मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान शिव को समर्पित है और इसे मनाने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

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Mukesh Pandit
व्रत का महत्व और पूजा विधि
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प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है जो हर माह की त्रयोदशी तिथि को विधि-विधान से मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान शिव को समर्पित है और इसे मनाने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है। 2025 में आने वाले प्रदोष व्रत की लिस्ट में सोम प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत और अन्य शामिल हैं। इन त्यौहारों का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है। इन त्यौहारों के दौरान, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। प्रदोष व्रत का महत्व इस प्रकार है कि यह हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है और हमें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है। हम आपको 2025 में आने वाले प्रदोष व्रत की एक पूरी लिस्ट प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको इन त्यौहारों के महत्व, उनके पीछे की कहानियों, और उनके आयोजन के तरीकों के बारे में भी बताएंगे। 

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शनि प्रदोष व्रत ( Shani Pradosh Vrat) 

शनिवार को आने वाला प्रदोष व्रत अद्वितीय धार्मिक महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और शनि देव की विशेष पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat) का पालन करने से शनि की महादशा से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही, यह व्रत सभी प्रकार के भय, परेशानियों और कष्टों को दूर करने में सहायक माना जाता है। साल 2025 में कुल 6 शनि प्रदोष व्रत पड़ रहे हैं, जो क्रमशः 11 जनवरी, 25 अप्रैल, 24 मई, 5 सितंबर, 19 सितंबर और 18 अक्टूबर को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाए जाएंगे।hindu | hindufestival | hindu festival | bhagwa Hindutva | hindu bhagwa 

2. सोम प्रदोष व्रत ।( Som Pradosh Vrat) 

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सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे हर पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। सोमवार को पड़ने वाले इस व्रत को सोम प्रदोष कहा जाता है, और इस दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यह व्रत खुशी, दीर्घायु, सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करता है, साथ ही चंद्रमा से जुड़ी परेशानियों को दूर करता है।

आर्थिक तंगी और रोगों से छुटकारा

इसके प्रभाव से आर्थिक तंगी और रोगों से छुटकारा मिलता है। सोम प्रदोष के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है, दही चढ़ाने से कर्ज़ से मुक्ति मिलती है, और अक्षत व शहद चढ़ाने से कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। साल 2025 में यह व्रत 27 जनवरी, 9 मई, 23 जून, 4 अक्टूबर, 3 नवंबर और 17 नवंबर को मनाया जाएगा।

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अति पवित्र और शुभ व्रत

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat), हिन्दू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक अति पवित्र और शुभ व्रत है, जो हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत व्यक्ति के पापों का नाश करने और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। यह व्रत विवाह योग्य कन्याओं के लिए भी अत्यंत लाभकारी माना गया है |

भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना 

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क्योंकि इससे मनचाहा वर प्राप्त होता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाना और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना अत्यधिक फलदायी होता है। इस दिन शिव पुराण का पाठ, गरीबों को दान, और शिव मंदिर में जाकर दर्शन करना भी विशेष महत्व रखता है। शाम के समय की गई पूजा इस व्रत के प्रभाव को और अधिक बढ़ा देती है। साल 2025 में प्रदोष व्रत 9 फरवरी, 10 अप्रैल, 27 मार्च, 8 जून, 6 अगस्त, 20 अगस्त और 17 दिसंबर को मनाए जाएंगे, जिन्हें श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न किया जाएगा।

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