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Varad Chaturthi 2025: सावन महीने में कब है वरद चतुर्थी? जानिए शुभ मुहूर्त एवं योग

श्रावण मास, भगवान शिव का प्रिय माह होने के कारण, इस चतुर्थी का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि गणेश जी शिव-पार्वती के पुत्र हैं। इस व्रत को करने से जीवन के सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं, और कार्यों में सफलता, बुद्धि, और समृद्धि प्राप्त होती है।

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Mukesh Pandit
Varad Chaturthi
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वरद चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता, सिद्धिदाता, और बुद्धि-समृद्धि का दाता माना जाता है। "वरद" का अर्थ है "वर देने वाला," जो गणेश जी की कृपा से मनोकामनाओं की पूर्ति को दर्शाता है। श्रावण मास, भगवान शिव का प्रिय माह होने के कारण, इस चतुर्थी का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि गणेश जी शिव-पार्वती के पुत्र हैं। इस व्रत को करने से जीवन के सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं, और कार्यों में सफलता, बुद्धि, और समृद्धि प्राप्त होती है। यह व्रत विशेष रूप से विद्यार्थियों, व्यापारियों, और नई शुरुआत करने वालों के लिए महत्वपूर्ण है। 

समृद्धि के लिए भी विशेष 

पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 27 जुलाई 2025 को रात 10:03 बजे शुरू होगी और 28 जुलाई 2025 को रात 11:25 बजे समाप्त होगी। इस दिन चंद्रमा सिंह राशि में रहेगा, नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी (शाम 5:36 बजे तक, उसके बाद उत्तर फाल्गुनी), और योग परिघ (रात 2:54 बजे तक, उसके बाद शिव) रहेगा। शुभ मुहूर्त अभिजीत (11:57 बजे से 12:50 बजे तक) पूजा के लिए विशेष रूप से अनुकूल है। राहुकाल (सुबह 7:22 से 9:03 बजे तक) में शुभ कार्यों से बचें। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, इस दिन मंगल का कन्या राशि में गोचर (शाम 7:57 बजे) ऊर्जा और दृढ़ता प्रदान करेगा, जो पूजा के प्रभाव को और बढ़ाएगा। यह दिन आध्यात्मिक शांति, पारिवारिक सुख, और समृद्धि के लिए भी विशेष है।

वरद चतुर्थी की पूजा विधि 

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सूर्योदय 5:45 बजे के बाद स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। लकड़ी के पटरे पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शक्कर) से स्नान कराएं। रोली, चंदन, फूल, दूर्वा (दूब घास), मोदक, लड्डू, धूप, दीप, कपूर, और पान का पत्ता तैयार करें। "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। गणेश अथर्वशीर्ष या गणेश चालीसा का पाठ करें।

निर्जला या फलाहारी व्रत रखें। 

दिनभर गणेश भक्ति में लीन रहें। गणेश जी को मोदक, लड्डू, या गुड़-नारियल का भोग लगाएं। गणेश आरती करें और प्रसाद परिवार में बांटें।
विसर्जन: तिथि समाप्ति (रात 11:25 बजे) पर मूर्ति का विसर्जन जल में करें या मंदिर में दान करें। आज का दिन चतुर्थी के लिए अत्यंत शुभ है। अभिजीत मुहूर्त पूजा, मंत्र जाप, और शुभ कार्यों के लिए आदर्श है। सिंह राशि में चंद्रमा और पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र सकारात्मक ऊर्जा देंगे। मंगल का कन्या गोचर कार्यों में सफलता और दृढ़ता प्रदान करेगा। राहुकाल में पूजा या महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचें। यह दिन गृहस्थों, व्यापारियों, और विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से फलदायी है। Varad Chaturthi 2025 | Sawan festival dates | Shubh Muhurat Varad Chaturthi | Lord Ganesha puja not present in content

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