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मंगलवार के दिन इस विधि से करें हनुमानजी की आराधना, पूरी होगी हरेक मनोकामना, जानें पूजा विधि

हनुमान जी की पूजा भक्ति और श्रद्धा का अनुपम संगम है। यह न केवल भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करता है, बल्कि उनके जीवन में साहस, शक्ति और शांति भी लाता है।

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Mukesh Pandit
hanuman ji
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हनुमान जी, हिंदू धर्म में भक्ति, शक्ति और समर्पण के प्रतीक माने जाते हैं। मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिन मंगल ग्रह से संबंधित है और हनुमान जी मंगल के स्वामी हैं। मान्यता है कि मंगलवार को विधिपूर्वक हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है, चाहे वह स्वास्थ्य, धन, नौकरी, संकट निवारण या आध्यात्मिक उन्नति से संबंधित हो। मंगलवार को हनुमान जी की पूजा भक्ति और श्रद्धा का अनुपम संगम है।  hindu festival | hindu | hindu guru | hindu god | hindus 

यह न केवल भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करता है, बल्कि उनके जीवन में साहस, शक्ति और शांति भी लाता है। हनुमान जी की कृपा से कोई भी संकट असंभव नहीं रहता। नियमित पूजा, मंत्र जाप और व्रत के साथ भक्त अपने जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं। इस मंगलवार, हनुमान जी की शरण में जाकर उनकी भक्ति में लीन हों और अपने जीवन को समृद्ध बनाएं।

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मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का महत्व

हनुमान जी को संकटमोचन, राम भक्त और अष्टसिद्धियों के दाता के रूप में पूजा जाता है। मंगलवार का संबंध मंगल ग्रह से है, जो साहस, ऊर्जा और विजय का कारक है। हनुमान जी की पूजा इस दिन करने से मंगल दोष का निवारण होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन के कठिन संकटों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में हनुमान जी को कलियुग में जागृत देवता माना गया है, जो अपने भक्तों की पुकार तुरंत सुनते हैं। मंगलवार को हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ विशेष फलदायी होता है। यह दिन भक्तों को नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु भय और मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाने में सहायक है।

हनुमान जी की पूजा की विधि

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हनुमान जी की पूजा में शुद्धता, श्रद्धा और नियमों का पालन अत्यंत महत्वपूर्ण है। सर्वप्रथम मंगलवार को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। स्वच्छ लाल या भगवा वस्त्र धारण करें, क्योंकि लाल रंग हनुमान जी को प्रिय है।
पूजा स्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।

पूजा सामग्री:

हनुमान जी की मूर्ति या चित्र, लाल चंदन, लाल फूल (गुड़हल या गेंदा), धूप, दीप, तुलसी पत्र, केसर, नारियल, लाल ध्वजा, चमेली का तेल, और प्रसाद के लिए लड्डू, केले या बूंदी।

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पूजा शुरू करें:

पूजा स्थल पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। उनके सामने एक तांबे का कलश जल भरकर रखें। दीप प्रज्वलित करें और धूप जलाएं। हनुमान जी को चमेली का तेल और लाल चंदन का तिलक लगाएं। लाल फूल और तुलसी पत्र अर्पित करें। मान्यता है कि तुलसी हनुमान जी को अत्यंत प्रिय है, क्योंकि यह श्रीराम से जुड़ी है।

मंत्र और पाठ:

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  • हनुमान जी के मंत्र “ॐ हं हनुमते नमः” का 108 बार जाप करें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें। यदि समय हो, तो बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ भी करें।
  • विशेष मनोकामना के लिए “संकटमोचन हनुमान अष्टक” का पाठ प्रभावी है।

आरती और प्रसाद:

पूजा के अंत में हनुमान जी की आरती करें। “आरती कीजै हनुमान लला की” गाएं।
प्रसाद के रूप में लड्डू, केले या बूंदी अर्पित करें। पूजा के बाद प्रसाद सभी में वितरित करें।

व्रत और नियम:

मंगलवार को हनुमान जी का व्रत रखने वाले भक्त नमक का सेवन न करें।
दिनभर ब्रह्मचर्य का पालन करें और क्रोध, नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
संध्या समय हनुमान मंदिर जाकर दीप दान करें।

पूजा के लाभ और मान्यताएं

मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को कई लाभ मिलते हैं। यह पूजा मंगल दोष, कर्ज, शत्रु भय और स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्ति दिलाती है। हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है। बजरंग बाण का पाठ विशेष रूप से संकट निवारण के लिए प्रभावी माना जाता है। मान्यता है कि हनुमान जी अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं, खासकर मंगलवार को की गई पूजा में। कई भक्तों का अनुभव है कि नौकरी, विवाह या स्वास्थ्य से जुड़ी मनोकामनाएं इस पूजा से पूरी हुई हैं।

पूजा का महत्व
मंगलवार का संबंध: मंगल ग्रह से, जो साहस और विजय का कारक।
हनुमान जी: संकटमोचन, राम भक्त, अष्टसिद्धियों के दाता।
लाभ: मंगल दोष निवारण, आत्मविश्वास, संकट मुक्ति, मनोकामना पूर्ति।
पाठ: हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड।

 

 

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