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योगिनी एकादशी का व्रत काफी फलदायी, जानिए राशियों के अनुसार इसके प्रभावशाली व उपाय

योगिनी एकादशी का व्रत बहुत ही फलदायी होता है और मान्यता है कि 88 हजार ब्राह्मणों को भोज कराने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है! आइए जानते हैं एकादशी का व्रत आषाढ़ मास में कब है और इसकी पूजा विधि और राशियों पर क्या प्रभाव है।

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Mukesh Pandit
Yogini Ekadashi10
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सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करना और व्रत रखना बहुत फलदायी होता है। आपको बता दें कि महीने में दो बार एकादशी का व्रत रखा जाता है एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष। इस दिन सच्चे मन से भगवान की भक्ति करने से सारी मुरादें पूरी होती हैं। जून माह में कृष्ण पक्ष को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। विष्णु पुराण और पद्म पुराण के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। 

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व्रत से दरिद्रता से मिलती है मुक्ति

पुराणों के अनुसार, इस व्रत को करने से मनुष्य को रोग, कष्ट, और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है. खासकर वे लोग जो अपने जीवन में मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह, व्यवसाय में अड़चन या बार-बार असफलता जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं, उनके लिए यह व्रत अत्यंत लाभकारी माना गया है. योगिनी एकादशी का व्रत आत्म-संयम, तप और ध्यान का प्रतीक है. इस दिन उपवास करने से मन और आत्मा की शुद्धि होती है, और व्यक्ति ईश्वर के अधिक निकट पहुंचता है।

सरल है व्रत की विधि

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व्रत की विधि बहुत सरल है, लेकिन नियमों से बंधी हुई है। दशमी की रात से ही संयमित आहार लेना आरंभ कर दिया जाता है और एकादशी को उपवास रखा जाता है। व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है, तथा दिनभर भगवान विष्णु की पूजा, भजन, और नामस्मरण करना चाहिए. रात्रि को जागरण कर भगवान का कीर्तन करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करने से व्रत की पूर्णता होती है।

इस विशेष दिन अलग-अलग राशियों के जातकों को कौन-से उपाय करने चाहिए जो उनके जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें। इस दिन ग्रहों की स्थिति बहुत विशेष मानी जाती है और राशियों पर उसका विशेष प्रभाव पड़ता है। यदि व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार उपाय करे तो वह अनेक प्रकार की समस्याओं से मुक्त हो सकता है। उपायों में तुलसी, विष्णु भगवान, दान, मंत्रजप, और ध्यान को विशेष महत्व दिया गया है।

मेष राशि के लिए उपाय 

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मेष राशि के लोगों के लिए यह एक ऐसा दिन होता है जब उन्हें अपने क्रोध और अधीरता पर नियंत्रण करना चाहिए। इस दिन उन्हें भगवान विष्णु को केसर मिश्रित दूध से स्नान कराना चाहिए और संकल्प लेकर पूरे दिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे उनका मन शांत होता है और जीवन में स्थिरता आती है।

वृष राशि के लिए उपाय

वृष राशि के जातकों को इस दिन श्रीहरि को पीले फूल अर्पित करने चाहिए और पीले वस्त्र धारण कर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। इससे धन संबंधित समस्याएं दूर होती हैं और आर्थिक उन्नति का मार्ग खुलता है।

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मिथुन राशि के लिए उपाय

मिथुन राशि के लोगों को मानसिक रूप से बहुत अधिक तनाव होता है। योगिनी एकादशी के दिन उन्हें तुलसी दल के साथ घी और मिश्री का भोग लगाना चाहिए और दिनभर भगवान विष्णु के सामने बैठकर दीपक जलाते रहना चाहिए। इससे उन्हें मानसिक शांति मिलती है और पारिवारिक जीवन में सामंजस्य आता है।

कर्क राशि के लिए उपाय

कर्क राशि के जातकों को जल तत्व से संबंधित परेशानियां अधिक होती हैं। ऐसे में इस दिन वे पवित्र जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और जल से विष्णु भगवान को अभिषेक करें. इस दिन यदि वे चावल, दूध और दही का दान करें तो रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य लाभ होता है।

सिंह राशि के लिए उपाय

सिंह राशि वाले जातक शक्ति और प्रतिष्ठा के लिए प्रयासरत रहते हैं। इस दिन वे गीता का पाठ करें और दीपक में सरसों का तेल जलाकर विष्णु भगवान के चरणों में रखें। साथ ही जरूरतमंदों को तांबे के बर्तन में जल दान करें। इससे मान-सम्मान बढ़ता है और समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।

कन्या राशि के लिए उपाय 

कन्या राशि के लोग स्वभाव से विश्लेषणात्मक होते हैं, परंतु कई बार अतिविचार से पीड़ित रहते हैं। इस दिन वे हरे रंग के वस्त्र पहनें और तुलसी के पौधे के चारों ओर 11 बार परिक्रमा करें। भगवान विष्णु को केले का भोग अर्पित करें और माता लक्ष्मी से सुख-शांति की प्रार्थना करें. इससे वैवाहिक जीवन और नौकरी में संतुलन आता है।

तुला राशि के लिए उपाय

तुला राशि के जातकों को संतुलन और सौंदर्य प्रिय होता है, परंतु संबंधों में खींचतान रहती है. इस दिन वे अपने पुराने दोषों की क्षमा माँगते हुए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और जरूरतमंदों को सफेद वस्त्र और मिठाई का दान करें। इससे उनके संबंध सुधरते हैं और मानसिक तनाव दूर होता है।

वृश्चिक राशि के लिए उपाय

वृश्चिक राशि वाले जातकों में संघर्ष और साहस होता है लेकिन वे अक्सर मानसिक रूप से अशांत रहते हैं. इस दिन उन्हें गंगाजल से स्नान कर काले तिल और गुड़ का दान करना चाहिए। विष्णु भगवान को पंचामृत से स्नान कराने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।

धनु राशि के लिए उपाय

धनु राशि के लोग आध्यात्मिक और धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। योगिनी एकादशी के दिन वे पीले फल, पीले वस्त्र, और चने की दाल का दान करें. गीता का पाठ करें और अगर संभव हो तो किसी तीर्थस्थल पर स्नान करें। इससे उनका भाग्य जाग्रत होता है और लंबी यात्राएं सफल होती हैं।

मकर राशि के लिए उपाय

मकर राशि के जातकों को अपने जीवन में स्थायित्व चाहिए होता है। इस दिन वे नीम के पत्ते और तुलसी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें, और ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का जाप करें. इस दिन अगर वे लोहे की वस्तु का दान करें तो शनि की पीड़ा भी शांत होती है।

कुंभ राशि के लिए उपाय

कुंभ राशि के जातकों को मानसिक स्वतंत्रता चाहिए होती है, परंतु वे कई बार निर्णय लेने में संकोच करते हैं. योगिनी एकादशी को वे सफेद वस्त्र पहनकर किसी मंदिर में जाकर झाड़ू दान करें और जरूरतमंदों को दूध पिलाएं। इससे चंद्र और शुक्र के दोष शांत होते हैं और निर्णय क्षमता बढ़ती है।

मीन राशि के लिए उपाय 

मीन राशि के जातक कोमल हृदय वाले होते हैं और आध्यात्मिक उन्नति के इच्छुक रहते हैं। इस दिन उन्हें श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना चाहिए और चंदन से भगवान विष्णु का पूजन कर मंदिर में जल अर्पित करना चाहिए। इस दिन वे तुलसी की माला से ‘ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्’ का जाप करें, जिससे उन्हें दिव्य ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

योगिनी एकादशी केवल एक व्रत नहीं बल्कि आत्म-चेतना, पवित्रता और आध्यात्मिक जागरण का अवसर है। यदि इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत किया जाए तथा राशिनुसार उपाय किए जाएं तो जीवन की अनेक समस्याओं का समाधान सहज ही संभव हो सकता है। यह दिन आत्मशुद्धि, भक्ति, और विश्राम का प्रतीक है जो व्यक्ति को न केवल इस जन्म में सुख प्रदान करता है बल्कि आने वाले जन्मों के लिए भी मोक्ष का मार्ग खोलता है. इस एकादशी का पालन करना, ईश्वर से जुड़ने का एक सशक्त साधन है।  hindu festival | hindu | hindu guru | hindu god

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