नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
यूपी का अलीगढ़ जिला सुरक्षा के बाद शिक्षा में भी नम्बर वन बनता जा रहा है। तालों के लिए मशहूर अलीगढ़ अब एजुकेशन हब बनने की ओर अग्रसर है। अलीगढ़ में 2000 से ज्यादा ताले की फैक्ट्रियां हैं। वहीं एजुकेशन की बात करें तो इस शहर में तीन यूनिवर्सिटी हैं। जिले में अगर प्राइवेट कॉलेज की बात करें तो उनकी संख्या सैकड़ों हैं। यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड से संबंधित विद्यालयों की कभी कमी नहीं है। इसके अलावा शहर में एमबीए और आईआईटी संस्थान भी शुरु होने वाली है। शहर में रहने वाले राहत अबरार ने बताया कि आने वाले समय में अलबरकात के नाम से एक और विश्वविद्यालय खुल सकता है।
18वी सदी में शहर का नाम था कोल
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के प्रोफेसर मुहम्मद सजाद ने बताया कि अलीगढ शहर का नाम मुगलों ने नहीं रखा। इसका नाम सबसे पहले 18वी शताब्दी में अलीगढ़ के प्रशासक नजफ अली खान के नाम पर रखा गया था। उस समय मुगलों पर महान मराठा महादजी सिंधिया का शासन था, इसलिए नजफ अली खान को मराठों का सेवक कहा जा सकता है। अलीगढ़ से पहले 1200 से 1803 तक इसका नाम कोल था।
एजुकेशन हब की ओर बढ़ता अलीगढ़
अलीगढ़ शहर में देश -विदेश से छात्र शिक्षा प्राप्त करने आ रहे हैं। सरकारी से लेकर निजी शैक्षिक संस्थाओं और निजी कोचिंग में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। जिसके कारण अब अलीगढ़ ताले की नगरी से ज्यादा शिक्षा में आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रवक्ता डॉ. राहत अबरार ने बताया की ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि एक ही शहर में दो अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय हों, लेकिन अलीगढ़ में एक ऐतिहासिक केंद्रीय विश्वविद्यालय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (मुस्लिम) और दूसरा मंगलायतन विश्वविद्यालय (जैन) है।
1875 में रखी थी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की नींव
डॉ. राहत अबरार ने बताया, संस्थापक सर सैयद अहमद खान के तालीमी मिशन के कारण ही अलीगढ़ शिक्षा का समंदर बनता जा रहा है। सर सैयद ने 1875 में 7 बच्चों के साथ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की नींव रखी थी, जिसके बाद एक दो नहीं अब अलीगढ़ में तीन विश्वविद्यालय, सैकड़ों स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, और इंस्टीट्यूट हैं।