नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
CBSE ने डमी स्कूलों में एडमिशन लेने वाले 12वी के छात्रों को कड़ी चेतावनी दी है। बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि रेगूलर स्कूल जाने की जिम्मेदारी छात्रों और उनके अभिभावकों की है। सीबीएसई ने कहा है कि जो छात्र नियमित कक्षाओं में शामिल नहीं होंगे, उन्हें 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे छात्रों को परीक्षा के लिए पंजीकृत करने वाले स्कूलों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
बोर्ड परीक्षा में बैठने की नहीं मिलेगी अनुमति
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "यदि उम्मीदवार स्कूल से गायब पाए जाते हैं या बोर्ड द्वारा किए गए औचक निरीक्षणों के दौरान अनुपस्थित पाए जाते हैं, तो ऐसे उम्मीदवारों को बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। नियमित स्कूल न जाने की जिम्मेदारी संबंधित छात्र और उसके माता-पिता पर भी आती है।"
छात्रों को ओपन स्कूल से देनी होगी परीक्षा
सीबीएसई डमी स्कूलों के खिलाफ जारी कार्रवाई के तहत परीक्षा उपनियमों में बदलाव करने पर भी विचार कर रहा है। ऐसे छात्रों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से परीक्षा देनी होगी। यही नहीं, 'डमी संस्कृति' को बढ़ावा देने वाले या गैर-हाजिर छात्रों को प्रायोजित करने वाले विद्यालयों के खिलाफ बोर्ड की संबद्धता और परीक्षा उपनियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि यह मुद्दा बोर्ड की हाल ही में हुई शासकीय बोर्ड बैठक में भी उठाया गया था।
केवल इन छात्रों को मिलेगी छूट
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सीबीएसई से अनुमति नहीं मिलने पर छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए एनआईओएस से संपर्क करना होगा। बोर्ड केवल चिकित्सा, आपात स्थिति, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय खेलों में भागीदारी के मामले में ही 25% की छूट देता है। बोर्ड विचार कर रहा है कि जिन छात्रों की उपस्थिति अपेक्षित नहीं होगी, बोर्ड उनके प्रार्थना पत्र पर विचार नहीं करेगा।