नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। JNU PhD Admission 2025: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में परीक्षा को पुनः शुरू करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। छात्र संघ द्वारा आयोजित जनमत संग्रह में 92% से अधिक छात्रों ने प्रवेश परीक्षा की बहाली का समर्थन किया है। इस जनमत संग्रह के परिणाम देर रात घोषित किए गए, जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र संघ के बीच टकराव और बढ़ने की संभावना है।
1323 छात्रों ने किया समर्थन
शनिवार को आयोजित जनमत संग्रह में कुल 1424 छात्रों ने भाग लिया। इनमें से 1323 छात्रों ने प्रवेश परीक्षा बहाल करने के पक्ष में मतदान किया, जबकि केवल 96 छात्रों ने विरोध में वोट डाला। पांच मतों को अमान्य घोषित किया गया। गौरतलब है कि JNU छात्र संघ चुनाव में पंजीकृत कुल मतदाताओं की संख्या 7906 है। इस जनमत संग्रह में लगभग 70% छात्रों ने भाग लिया, जो छात्र समुदाय की सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है।
प्रवेश परीक्षा की मांग पर एकमत छात्र
जनमत संग्रह में छात्रों के सामने यह सवाल रखा गया था कि JNU में पिछले चार दशकों से सफलतापूर्वक प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती रही है। इसे बंद करने से उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है और शैक्षणिक गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है। JNU छात्र संघ के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि जनमत संग्रह के परिणाम कुलपति प्रो. शांतिश्री पंडित के समक्ष पेश किए जाएंगे। छात्र संघ की मांग है कि इस सत्र से पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा दोबारा शुरू की जाए। इसके साथ ही वाइवा के अंकों का वेटेज घटाकर केवल 10% किया जाए। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पिछले वर्ष 16 दिन की भूख हड़ताल के बाद कुलपति ने परीक्षा बहाल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन इस बार प्रशासन ने फंड की कमी का हवाला देते हुए परीक्षा पुनः शुरू करने से इनकार कर दिया है।
क्या है JNUEE?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (Jawaharlal Nehru University Entrance Examination) को JNUEE के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रवेश परीक्षा है जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर, और पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। पीएडी के लिए स्टूडेंट यूनियन यही प्रवेश परीक्षा कराने की मांग कर रहा है।
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