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आईआईटी परिषद की दो साल बाद बैठक हुई।
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।आईआईटी परिषद ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बढ़ते इस्तेमाल के बीच पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धति को अनुकूलित करने के लिये एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के मकसद से एक टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया। आईआईटी परिषद की दो साल बाद बैठक हुई। इसकी पिछली बैठक अप्रैल 2023 में हुई थी। आईआईटी परिषद 23 प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों की सर्वोच्च समन्वय संस्था है।
पीएचडी शिक्षा में सुधार
उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में अनुसंधान का व्यावसायीकरण, गुणवत्ता, वैश्विक प्रासंगिकता और अनुसंधान परिणामों को बढ़ाने के लिए पीएचडी शिक्षा में सुधार, वैश्विक रैंकिंग में सुधार, शीर्ष स्तर की प्रतिभाओं को आकर्षित करने और उन्नत अनुसंधान केंद्र के रूप में आईआईटी की प्रतिष्ठा को मजबूत करने सहित अन्य विषयों पर बैठक में चर्चा हुयी। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान के व्यावसायीकरण पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। परिषद ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के मद्देनजर पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धति को अनुकूलित करने पर भी ज़ोर दिया।
स्कूली शिक्षा के लिए विस्तृत कार्ययोजना
देश में उच्च और स्कूली शिक्षा के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने हेतु एक कार्यबल गठित करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, इसके अलावा, आईआईटी के सामाजिक-आर्थिक और वैश्विक प्रभाव को, विशेष रूप से उनके पूर्व छात्रों के माध्यम से, स्वीकार किया गया, जो वैश्विक अगुआ, नवप्रवर्तक और धन सृजनकर्ता के रूप में विकसित हुए हैं। परिषद ने मार्गदर्शन, उद्योग संबंधों और छात्र विकास के लिए पूर्व छात्र नेटवर्क का लाभ उठाने के महत्व पर भी ज़ोर दिया।’’
मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर ज़ोर
उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर ज़ोर दिया गया और विभिन्न आईआईटी द्वारा अपनाए गए मॉडल को साझा किया गया तथा परिसरों के अंदर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने और वार्षिक स्वास्थ्य जांच कराने का भी सुझाव दिया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप वैज्ञानिक अनुसंधान में आईआईटी की भूमिका पर ज़ोर दिया गया।
एक महीने के भीतर नीति बनाने का निर्णय
उद्योग, शिक्षा जगत और नीति निर्माताओं के बीच मज़बूत संबंध की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया। विभिन्न सुझावों और प्रथाओं का उल्लेख किया गया।अधिकारी ने कहा, एक महीने के भीतर एक नीति बनाने का निर्णय लिया गया, जिसमें विभिन्न व्यावहारिक तरीके सुझाए जायेंगे, ताकि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारतीय परिसरों में वैज्ञानिक अनुसंधान एवं उत्पाद का विकास हो सके।’ Education | accountability in education | Education activist India | Educational awareness | IIT Council meeting