Advertisment

International Education day 2025 : क्‍यों मनाया जाता है और भारत की क्‍या है स्थिति ?

21वी सदी के यह दौर,जहां रोज नई तकनीक जन्‍म ले रही है और दुनिया ने बहुत तरक्‍की कर ली है फिर भी दुनिया भर के 244 मिलियन बच्‍चों और किशोरों को प्राथमिक शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

author-image
Suraj Kumar
INTERNATIONAL EDUCATION DAY

International education day

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क।

नि:शुल्‍क और प्राथमिक शिक्षा प्राप्‍त करना सभी का अधिकार है। बिना शिक्षा के न तो स्‍वंम का विकास किया जा सकता है और न ही दुनिया का। शांति और विकास में शिक्षा के इसी महत्‍व को बताने के लिए हर साल पूरी दुनिया में 24 जनवरी को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। तीन दिसंबर, 2018 को सभी के लिए शिक्षा और उसके महत्‍व को बढ़ावा देने के अन्‍तर्राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस घोषित किया गया। 1989 में बाल अधिकारों पर आयोजित एक सम्‍मेलन में इस बात पर जोर दिया गया कि देशों को सभी के लिए शिक्षा को सुलभ बनाना चााहिए। इसी को ध्यान में रखते एक लक्ष्‍य रखा गया है जिसके अन्‍तर्गत 2030 तक सभी के लिए क्‍वालिटी एजुकेशन और जीवन भर सीखते रहने के अवसरों को बढावा देना सुनि‍श्चित किया गया।  

2030 तक चली जाएंगी इतनी नौकरियां, अब क्या करेगा India? 

शिक्षा में पिछड़ते लोग

21वी सदी के यह दौर जहां रोज नई तकनीक जन्‍म ले रही है और दुनिया ने बहुत तरक्‍की कर ली है फिर भी दुनिया भर के 244 मिलियन बच्‍चों और किशोरों को प्राथमिक शिक्षा नहीं मिल पा रही है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के आंकडों के अनुसार 617 मिलियन बच्‍चों का पढ़ना तक नहीं आता है और वे गणित के बेसिक सवालों को भी हल नहीं कर पाते हैं। सहारा अफ्रीका में 40 प्रतिशत से भी कम लड़कियां अपना मिडिल स्‍कूल पूरा कर पाती हैं।

भारत में शिक्षा की स्थिति, दुनिया के मुकाबले 

अंतर्राष्‍ट्रीय शिक्षा मानकों के अनुसार भारत की स्थिति बेहद ही चिन्‍ताजनक है। एजुकेशन रैंकिंग में पूरी दुनिया में भारत का 40वा स्‍थान है जो देश की शिक्षा व्‍यवस्‍था की पोल खोलता है। भारत की साक्षरता दर लगभग 77 प्रतिशत है जो औसत 86 प्रतिशत से काफी पीछे है। शिक्षा के मामले में महिलाओं की स्थिति अब भी खराब है। हालांकि सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों जैसे – ‘सर्व शिक्षा अभियान’  और बेटी बचाओ, बेटी पढाओं’ से काफी बदलाव आया है। यह स्थिति अब सुधर रही है। भारत के कई यूनिवर्सिटी टॉप रैंकिंग में शामिल हो रहे हैं। 

यह भी देखें: UPSC CSE 2025 का नोटिफिकेशन जारी, तीन साल में सबसे काम वैकेंसी

Advertisment
Advertisment
Advertisment