Advertisment

JNUSU के जनमत संग्रह में छात्रों ने PHD प्रवेश परीक्षा बहाल करने का दिया जोरदार समर्थन

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) द्वारा आयोजित एक जनमत संग्रह में छात्रों ने पीएचडी में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षा (JNU Entrance Examination - JNUEE) को फिर से शुरू करने के पक्ष में भारी समर्थन जताया है।

author-image
Jyoti Yadav
In JNUSU's referendum, students strongly supported the reinstatement of PhD entrance exam
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालयछात्र संघ (जेएनयूएसयू) द्वारा आयोजित एक जनमत संग्रह में छात्रों ने पीएचडी में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षा (JNU Entrance Examination - JNUEE) को फिर से शुरू करने के पक्ष में भारी समर्थन जताया है।

Advertisment

1,323 छात्रों ने पक्ष में वोट दिया

शनिवार शाम को छात्रावास क्षेत्रों में हुए इस मतदान में कुल 1,424 छात्रों ने भाग लिया, जिनमें से 1,323 छात्रों ने जेएनयूईई की बहाली के पक्ष में वोट दिया। केवल 96 वोट इसके विरोध में पड़े, जबकि 5 वोट अमान्य घोषित किए गए। इस जनमत संग्रह का आयोजन ऐसे समय में हुआ जब जेएनयू प्रशासन ने 2025 के पीएचडी दाखिले के लिए आंतरिक प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के वादे से पीछे हटने का संकेत दिया है। छात्र संघ ने इस मुद्दे पर कुलपति की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने 16 दिनों की भूख हड़ताल के दौरान किए गए वादे को तोड़ दिया है। जेएनयूएसयू ने अपने बयान में आरोप लगाया कि कुलपति ने विश्वविद्यालय के विभिन्न स्कूलों के डीन और केंद्रों के अध्यक्षों की राय को नजरअंदाज किया, जो जेएनयूईई के पक्ष में थे।

बहाली के पक्ष में वोट देने की अपील की थी

Advertisment

आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन), जिसके पास छात्र संघ का अध्यक्ष पद है, ने भी छात्रों से परीक्षा की बहाली के पक्ष में वोट देने की अपील की थी। इस मुद्दे पर छात्र नेता नीतीश कुमार ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "हम चाहते हैं कि पीएचडी में दाखिला प्रवेश परीक्षा के जरिए हो, न कि केवल यूजीसी-नेट के आधार पर। यह हमारी पुरानी मांग है।" छात्र संघ के अनुसार, यह जनमत संग्रह विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की स्पष्ट राय से अवगत कराने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत दबाव बनाने का एक प्रयास है। अब देखना होगा कि जेएनयू प्रशासन इस भारी छात्र समर्थन को कैसे संज्ञान में लेता है और क्या वह प्रवेश परीक्षा को बहाल करने की दिशा में कोई कदम उठाता है।

Advertisment
Advertisment