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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। देशभर में केंद्रीय विद्यालयों (Kendriya Vidyalayas) की लोकप्रियता में गिरावट देखी जा रही है। एक समय था जब इन स्कूलों में एडमिशन के लिए लंबी कतारें लगती थीं। लेकिन अब आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। हाल ही में शिक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि पिछले कुछ सालों में केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आई है।
शिक्षा मंत्रालय ने संसद में रखे आंकड़े
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने संसद में बताया कि साल 2020-21 में केंद्रीय विद्यालयों में 13,87,763 छात्र नामांकित थे, जबकि 2024-25 में ये संख्या घटकर 13,50,518 रह गई। यानी पांच सालों में लगभग 2.86% की कमी देखी गई है। कुल 37,245 छात्र कम हुए हैं। यह जानकारी तेलुगु देशम पार्टी के बीके पार्थसारथी और कांग्रेस की सुधा आर द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दी गई।
सबसे ज्यादा एडमिशन 2021-22 में
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक एडमिशन शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में हुआ था, जब केंद्रीय विद्यालयों में 14,29,434 छात्रों ने दाखिला लिया था। इसके बाद लगातार गिरावट देखने को मिली है। अकेले 2023-24 और 2024-25 के बीच ही 39,000 से ज्यादा छात्र कम हुए हैं।
फिर भी खुलेंगे 85 नए केंद्रीय विद्यालय
छात्रों की घटती संख्या के बावजूद सरकार ने 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दे दी है। ये स्कूल नागरिक और रक्षा क्षेत्रों में खोले जाएंगे। इन स्कूलों की अनुमानित लागत लगभग 5,872 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही कर्नाटक के शिवमोग्गा में एक मौजूदा केंद्रीय विद्यालय का विस्तार भी किया जाएगा, जहां हर कक्षा में दो अतिरिक्त सेक्शन जोड़े जाएंगे।
क्या है सरकार की योजना?
मंत्रालय ने कहा कि नए स्कूल खोलने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। नए स्कूल उन्हीं जगहों पर खोले जाते हैं जहां जरूरत और मानदंड पूरे होते हैं। भले ही नामांकन घट रहा हो, लेकिन सरकार का मकसद शिक्षा को हर वर्ग तक पहुंचाना और सुविधा बढ़ाना है।