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NCERT की पहल: स्कूली शिक्षा में अब कौशल विकास भी होगा शामिल

NCERT ने कक्षा 8 के छात्रों के लिए वोकेशनल एजुकेशन एक्टिविटी बुक तैयार की है, जिसका उद्देश्य केवल डिग्री नहीं, बल्कि रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करना है।

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Suraj Kumar
NCERT
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क। शिक्षा का उद्देश्‍य सिर्फ डिग्रियां हासिल करना नहीं होना चाहिए, बल्कि वह रोजगार देने वाली होनी चाहिए। इसी उद्देश्‍य की पूर्ति के लिए राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) कक्षा आठवीं के छात्रों के लिए वोकेशनल एजुकेशन एक्टिविटी किताब उपलब्‍ध कराएगी। जिससे छात्र भारत की संस्‍क्रति जानने के साथ- साथ कौशल भी हास‍िल कर सकेंगे। कक्षा आठवीं की यह किताब छात्रों को बढ़ईगीरी कौशल सीखाने से लेकर, हाइड्रोपोनिक्स का निर्माण करने, घरेलू स्वचालन सर्किट डिजाइन बनाने और जानवरों की देखभाल करने जैसे कौशलों से आपको विकसित करती है। छात्रों के लिए महज यह एक किताब नहीं हैं, बल्कि इस किताब के माध्यम से वह व अपने छात्र जीवन में विभिन्न कौशलों को सीख सकते हैं।

छात्रों के समग्र विकास के लिए वोकेशनल एजुकेशन की नई किताब

यह वोकेशनल एजुकेशन एक्टिविटी बुक न सिर्फ छात्रों को व्यावसायिक कौशल सिखाएगी, बल्कि उनमें लैंगिक संवेदनशीलता, तकनीकी दक्षता और जीवन कौशल भी विकसित करेगी। यह किताब छात्रों को मिट्टी रहित खेती (Soilless Farming) के साथ-साथ आधुनिक कृषि तकनीकों की समझ प्रदान करेगी।

तकनीकी और रचनात्मक विषयों पर ध्यान

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किताब में छात्रों को बढ़ईगीरी (Carpentry) के व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और इंटरनेट की बुनियादी जानकारी भी दी जाएगी। छात्र इसमें सेंसर आधारित लाइट, मोशन डिटेक्टर डिजाइन जैसे इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स के बारे में जानेंगे। जिन छात्रों को पोस्टर, जिंगल या रील डिज़ाइन में रुचि है, उनके लिए यह किताब मीडिया साक्षरता (Media Literacy) विकसित करने का एक प्रभावशाली माध्यम होगी।

NCERT ने पहले भी किया ये बदलाव

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की नई पाठ्यपुस्तक में मुगलों का अंदाज बदला -बदला सा नजर आने वाला है। एनसीईआरटी की किताबों से मुगल शासकों के क्रूर अंश को हटा दिया है। NCERT की कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की नई पाठ्यपुस्तक प्रमुख मुगल सम्राटों को नए तरह प्रस्तुत करती है। इस किताब में बताया गया है कि अकबर का शासनकाल "क्रूरता और सहिष्णुता का मिश्रण" था, जबकि औरंगज़ेब एक सैन्य शासक था जिसने "गैर-इस्लामी" प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया और गैर-मुसलमानों पर कर फिर से लगाए। बता दें,  यह पुस्तक जो शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से स्कूलों में शुरू की जाएगी, मुगल सम्राटों के चित्रण में एक बदलाव का प्रतीक है। जिसमें विजय, धार्मिक निर्णयों, सांस्कृतिक योगदान और क्रूरता का विस्तृत विवरण दिया गया है।

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