देहरादून, वाईबीएन डेस्क। उत्तराखंड में नए शैक्षिक सत्र से बड़ा बदलाव होने वाला है। शिक्षा बोर्ड ने हायर एजुकेशन के सिलेबस में बदलाव किया है, जो 2.87 लाख छात्र-छात्राओं के कौशल को निखार कर उन्हें रोजगार दिलान में बड़ी भमिका निभाएगा। डिजिटल कौशल, संवाद कौशल, सामान्य कौशल और डाटा साइंस जैसे नवाचार विज्ञान के साथ कला और मानविकी जैसे विषयों के पाठ्यक्रमों को बाजार और उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप ढालने में सहायक बने हैं।
मंत्रिमंडल में जल्द रखा जाएगा प्रस्ताव
संशोधित पाठ्यक्रम के प्रस्ताव और नियमों के प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए शीघ्र मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। उत्तराखंड देश के उन चुनिंदा राज्यों में सम्मिलित होने जा रहा है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में एकीकृत ढंग से संशोधित पाठ्यक्रम लागू करेगा। प्रदेश सरकार ने यह पहल की है।
पाठ्यक्रमों में संशोधन करते हुए यह ध्यान दिया गया है कि शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों के अपेक्षाकृत कम संसाधन वाले छात्र-छात्राओं का हुनर निखारा जाए। डिजिटल कौशल और संवाद कौशल के विकास से इन्हें बड़ी सहायता मिलेगी।
37 विषयों के विभिन्न विषय क्षेत्र संबंधित पाठ्यक्रम, 13 क्षमता संवर्द्धन पाठ्यक्रम, 31 वैल्यू एडेड पाठ्यक्रम सहित 170 अधिक कौशल विकास पाठ्यक्रम को नए सत्र से स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में लागू करने की तैयारी है।
एक्सपर्ट ने तैयार किया है सिलेबस
आइआइएससी बेंगलुरु, आइआइएसइआर, आइआइटी कानपुर व बांबे, जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, बीएचयू, केंद्रीय विश्वविद्यालय केरल, केंद्रीय कर्नाटक विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञों की मदद से पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है। विज्ञान विषय के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन के लिए प्रोजेक्ट, एप्लीकेशन और प्रेक्टिकल को आधार बनाया गया है।
प्रोजेक्ट और एप्लीकेशन आधारित पाठ्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों में उनके लिए रोजगार की नई राह तैयार करेंगे। कला और मानविकी के साथ वाणिज्य विषय के युवाओं के लिए पाठ्यक्रम में प्रोजेक्ट के साथ ही सर्वे से संबंधित क्षमता के संवर्द्धन को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। डाटा साइंस के साथ ये सभी पाठ्यक्रम उद्योगों व बाजार को भी उनकी आवश्यकता के अनुरूप मानव संसाधन उपलब्ध करा सकेंगे।
बड़े संस्थानों द्वारा किया जाएगा गाइड
उच्च शिक्षा सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि नैस्काम, इन्फोसिस, वाधवानी, स्पोकेन ट्यूटोरियल, आइआइटी बांबे, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से पाठ्यक्रम हाइब्रिड मोड में संचालित किए जाएंगे। इससे छात्र-छात्राओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, साथ में वे स्वयं स्वरोजगार और नए उद्यम स्थापित करने के लिए भी प्रेरित होंगे। इन पाठ्यक्रमों के लिए फैकल्टी को भी प्रशिाक्षण दिया जाएगा। इसके लिए फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाया जाएगा। पाठ्यक्रम में संशोधन के ड्राफ्ट को स्वीकृति के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष शीघ्र रखा जाएगा, ताकि नए सत्र से इन्हें लागू किया जा सके।