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NEET Exam :कर्नाटक में छात्र का जेनऊ उतरवाने पर बवाल, परीक्षा केंद्र पर प्रदर्शन

छात्र श्रीपद पाटिल को परीक्षा केंद्र में जनेऊ पहनकर प्रवेश नहीं मिलेगा, इसे उतारने के बाद ही अंदर जाने की इजाजत दी जाएगी।इसके बाद ब्राह्मण समुदाय के लोग परीक्षा केंद्र के सामने इकट्ठा हो गए और विरोध-प्रदर्शन करने लगे।

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Mukesh Pandit
protest Against exam center

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कलबुर्गी, आईएएनएस। कर्नाटक के कलबुर्गी के सेंट मेरीज स्कूल में राष्ट्रीय स्नातक पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के दौरान एक विवाद सामने आया, जब परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने एक छात्र को कथित तौर पर जनेऊ उतारने को कहा।

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जनेऊ पहनकर प्रवेश नहीं मिला

अधिकारियों का कहना था कि छात्र श्रीपद पाटिल को परीक्षा केंद्र में जनेऊ पहनकर प्रवेश नहीं मिलेगा, इसे उतारने के बाद ही अंदर जाने की इजाजत दी जाएगी।इसके बाद ब्राह्मण समुदाय के लोग परीक्षा केंद्र के सामने इकट्ठा हो गए और विरोध-प्रदर्शन करने लगे। साथ ही, अधिकारियों के इस कदम की निंदा करते हुए जिम्मेदारी तय करने की मांग की।

जनेऊ धार्मिक संस्कारों क हिस्सा

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प्रदर्शनकारी सुधीर पाटिल ने कहा, "मेरा बेटा परीक्षा देने के लिए आया था, लेकिन इन लोगों ने कहा कि वह जनेऊ के साथ अंदर नहीं जा सकता। मैंने इनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे भीतर आने की अनुमति नहीं दी। मेरे बेटे ने जनेऊ मेरे हाथ में दे दिया और वह परीक्षा देने चला गया। यह गलत है, जनेऊ हमारे धार्मिक संस्कारों का हिस्सा है।"  : exam | Exam pressure | how to top in board exams | NEET exam controversy 

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

विरोध-प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया, जिसके बाद कई संगठनों और लोगों ने इस पर आपत्ति जताई। कई लोगों ने इसे धार्मिक आजादी पर रोक करार दिया और अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की। उल्लेखनीय है कि रविवार को देशभर में राष्ट्रीय स्नातक पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी)- 2025, आयोजित की गई थी। इसमें 22.7 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए।

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नीट परीक्षा देशभर में आयोजित

यह परीक्षा देशभर के 500 से अधिक शहरों में 5,453 केंद्रों पर आयोजित हुई। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। एनटीए ने गर्मी को ध्यान में रखते हुए परीक्षा दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित कराई। एनटीए अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि सभी परीक्षा केंद्र पीने के पानी, बिजली, पोर्टेबल शौचालय (यदि आवश्यक हो) और प्राथमिक चिकित्सा और एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं सहित बुनियादी सुविधाओं से लैस हों।

 

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