नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत अब छात्र बीच कोर्स में यूनिवर्सिटी बदल सकेंगे। इससे छात्रों को सुविधा रहेगी। उन्होंने बीते साल में जो अकैडमिक क्रेडिट स्कोर प्राप्त किया है, वह दूसरे कॉलेज में भी कंटिन्यू रह सकेगा। नई शिक्षा नीति के तहत प्रवेश लेने वाले छात्रों की अकैडमिक बैंक क्रेडिट आईडी तैयार की गई है। फरीदाबाद में नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत प्रवेश लेने वाले छात्रों की ABC आईडी तैयार करा दी गई है।
राजकीय कॉलेज खेड़ी गुजरान के प्रोफेसर डॉ. सुनील शर्मा का कहना है कि ''एनईपी के तहत पढ़ाई कर रहे छात्रों की एबीसी आईडी तैयार कराई गई है। इसमें छात्रों के अकैडमिक क्रेडिट स्कोर जुड़े हुए हैं। छात्र किसी दूसरी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेते हैं, यह आईडी उस यूनिवर्सिटी से जुड़ जाएगी और वह छात्र के क्रेडिट वहां भी जारी रह सकेंगे।''
नई एजुकेशन पोलिसी हुई लागू
पुरानी शिक्षा नीति में ग्रेजुएशन कोर्स तीन का होता था। इस कोर्स के तहत अपना माइग्रेशन तो करा सकते थे, लेकिन अपना यूनिवर्सिटी नहीं बदल सकते थे। बीच कोर्स में दूसरी यूनिवर्सिटी में जाने पर उनका पहला अकैडमिक स्कोर बेकार हो जाता था। अब नई शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की गई है, जिसके तहत छात्रों के पास मल्टीपल एंट्री व एग्जिट का विकल्प है। एनईपी के तहत ग्रेजुएशन कोर्स चार साल का कर दिया गया है और छात्र एक साल का कोर्स करने के बाद भी पढ़ाई छोड़ सकता है और किसी दूसरी यूनिवर्सिटी में जाकर आगे की पढ़ाई जारी रख सकता है। इसके लिए छात्रों का अकैडमिक रेकॉर्ड मेंटेन करने के लिए एक एबीसी आईडी तैयार की गई है।
ABC ID छात्रों का डिजिटल स्कोर हाउस
इस आईडी में छात्रों से ली गई क्लास, ट्यूटोरियल, प्रैक्टिकल, लैब वर्क व इंटरर्नशिप आदि का रेकॉर्ड मेंटेन होगा। न सब चीजों में हिस्सा लेकर छात्रों को एक मिनिमम स्कोर हासिल करना होगा, जो उनकी अकैडमिक बैंक क्रेडिट आईडी से जुड़ जाएगा। इससे फायदा ये होगा कि जब छात्र एक यूनिवर्सिटी छोडकर दूसरी यूनिवर्सिटी जाएगा, तो क्रेडिट आईडी दूसरी यूनिवर्सिटी में जारी रहेगी।