नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में 13 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र दुनिया के अलग-अलग देशों में पढ़ाई कर रहे हैं। इस लिस्ट में कनाडा सबसे आगे है, जहां 4 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं। इसके बाद अमेरिका का नंबर आता है, जहां 3 लाख से ज्यादा छात्र उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इसके अलावा ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे देशों में भी भारतीय छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
हालांकि विदेश में पढ़ाई आसान नहीं होती, खासकर जब बात खर्च की हो। सालाना खर्च 10 लाख से 50 लाख रुपये तक पहुंच जाता है, और अमेरिका-कनाडा जैसे देशों में तो यह 1 करोड़ रुपये से भी ऊपर जा सकता है। ऐसे में स्कॉलरशिप ही एकमात्र रास्ता है, जिससे इस भारी-भरकम खर्च को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कहां से मिलती है स्कॉलरशिप?
विदेशी यूनिवर्सिटी खुद अपने छात्रों को स्कॉलरशिप ऑफर करती हैं। इसके अलावा कई देशों की सरकारें विदेशी छात्रों के लिए फंडिंग प्रोग्राम भी चलाती हैं। टाटा फाउंडेशन, आगा खां फाउंडेशन जैसे निजी संगठन भी स्कॉलरशिप देते हैं। लेकिन इसके लिए मजबूत प्रोफाइल होना जरूरी है, जिसमें अच्छे एकेडमिक रिकॉर्ड के साथ एक रणनीति की भी जरूरत होती है।
कैसे बनाएं प्रोफाइल?
हाल ही में एक यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर बताया कि उसने कैसे इंपीरियल कॉलेज लंदन और टोक्यो यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप हासिल की। उसने बताया कि IELTS में 7.5 से ज्यादा ओवरऑल बैंड और हर सेक्शन में कम से कम 7 बैंड स्कोर जरूरी होता है। यह स्कोर अधिकतर स्कॉलरशिप एप्लिकेशन में देखा जाता है।
क्या होनी चाहिए रणनीति?
यूजर के अनुसार, कुछ यूनिवर्सिटी एडमिशन के दौरान ही आपकी प्रोफाइल के आधार पर स्कॉलरशिप के लिए चयन कर लेती हैं। इसके अलावा LinkedIn पर रिसर्चर्स और स्कॉलरशिप से जुड़ी कम्युनिटी को फॉलो करना भी फायदेमंद हो सकता है। पहले जहां प्रोफेसर्स को ईमेल करना असरदार था, अब इसकी प्रतिस्पर्धा बहुत बढ़ चुकी है, इसलिए ईमेल में कुछ खास और प्रभावशाली होना जरूरी है।