नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। अब देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फीस जमा करने के लिए छात्रों को बैंकों की लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश जारी किया है कि वे UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए भुगतान सुविधा को अनिवार्य रूप से लागू करें।
5 लाख रुपये तक का कर सकेंगे भुगतान
UGC के इस निर्देश के मुताबिक, अब छात्र 5 लाख रुपये तक की राशि UPI के माध्यम से सीधे संबंधित संस्थान को ट्रांसफर कर सकेंगे। यह निर्णय न सिर्फ छात्रों के लिए राहत भरा है, बल्कि देश में डिजिटल इंडिया अभियान को भी और गति देगा।
इस फैसले के तहत अब शैक्षणिक संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ट्यूशन फीस, एडमिशन फीस, परीक्षा शुल्क, हॉस्टल चार्ज, लाइब्रेरी फाइन समेत तमाम प्रकार के भुगतान UPI के जरिए स्वीकार किए जा सकें। UGC ने कहा है कि संस्थानों को जल्द से जल्द अपने पेमेंट सिस्टम को अपग्रेड करना होगा और छात्रों को डिजिटल पेमेंट के विकल्प उपलब्ध कराने होंगे।
डिजिटल भुगतान की लिमिट बढ़ने से बढ़ेगी ट्रांसपेरेंसी
गौरतलब है कि हाल ही में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI की पेमेंट लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। पहले यह सीमा 1 लाख रुपये थी। इससे छात्रों को बड़े अमाउंट की फीस भी अब डिजिटल माध्यम से जमा करने में आसानी होगी।
क्या बोले यूजीसी अध्यक्ष?
UGC के चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार ने कहा कि “डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए यह जरूरी कदम है। इससे छात्रों को पारदर्शी और आसान भुगतान की सुविधा मिलेगी।”
संस्थानों को दी गई स्पष्ट चेतावनी
UGC ने सभी शिक्षण संस्थानों से यह अपेक्षा जताई है कि वे इस निर्देश को तत्काल प्रभाव से लागू करें और छात्रों को डिजिटल भुगतान के सभी विकल्प उपलब्ध कराएं।