लखनऊ, वाईबीएन डेस्क। यूपी की योगी सरकार ने मदरसों के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। शिक्षा को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। इससे तहत पाठ्यक्रम में धार्मिक शिक्षा के अलावा हिंदी, अंग्रेजी और विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षा में समानता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
यूकेजी की कक्षाएं भी होंगी शुरु
इसके अतिरिक्त, मदरसों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं (केजी, एलकेजी, यूकेजी) भी शुरू की जा रही हैं, जिनमें बच्चों को विज्ञान, गणित और कंप्यूटर शिक्षा दी जाएगी। मदरसा शिक्षा परिषद ने इस दिशा में पाठ्यक्रम तैयार करना शुरू कर दिया है। मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए, 7442 मदरसों में बुक बैंक, विज्ञान और गणित किट प्रदान की गई हैं, और 1275 मदरसों को कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं। इसके साथ ही, शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कोडिंग जैसे विषयों पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि छात्रों को डिजिटल साक्षरता में भी दक्ष बनाया जा सके।
मदरसा को लेकर यूपी में क्या है स्थिति?
उत्तर प्रदेश में कुल 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें लगभग 12.35 लाख छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इसके अतिरिक्त, 8,496 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी राज्य के विभिन्न जिलों में संचालित हो रहे हैं, जिनमें करीब 6.65 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
मदरसे अब कैसे बदल रहे हैं?
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शिक्षा का दायरा बढ़ा: अब सिर्फ कुरान या उर्दू की पढ़ाई नहीं, बल्कि जीवन कौशल (life skills) और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी पढ़ाई हो रही है।
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इंटरनेट और स्मार्ट क्लास: कई मदरसों में स्मार्ट टीवी, प्रोजेक्टर और इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है।
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शिक्षकों की ट्रेनिंग: सरकार शिक्षकों को डिजिटल उपकरण चलाने, बच्चों को व्यावसायिक (vocational) और तकनीकी शिक्षा देने की ट्रेनिंग दे रही है
मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आर.पी. सिंह ने कहा कि "यह बदलाव बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है, जिससे वे आधुनिक दुनिया की ज़रूरतों के मुताबिक़ खुद को तैयार कर सकें।''