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'अजेय' फिल्म पर एनओसी की मांग पर Bombay High Court की सीबीएफसी को फटकार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' के सर्टिफिकेशन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) मांगने पर कड़ी फटकार लगाई है।

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YBN News
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filmAjay Photograph: (IANS)

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मुंबई, आईएएनएस। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' के सर्टिफिकेशन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) मांगने पर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सीबीएफसी को निर्देश दिया है कि वह बिना ठोस कारण बताए फिल्म की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को रोके नहीं।

2024 के सर्टिफिकेशन रूल्स के खिलाफ

यह निर्देश तब आया जब फिल्म के मेकर्स ने आरोप लगाया कि सीबीएफसी ने उनकी फिल्म का सर्टिफिकेट बिना कोई साफ वजह बताए ही रिजेक्ट कर दिया, जो कि 2024 के सर्टिफिकेशन रूल्स के खिलाफ है। सम्राट सिनेमैटिक्स की तरफ से वकीलों नाफडे, सतत्य आनंद और निखिल अड़धे ने कोर्ट में कहा कि 2024 के नियमों के तहत, सीबीएफसी की जिम्मेदारी है कि अगर किसी सीन या डायलॉग पर आपत्ति हो, तो वो साफ-साफ बताएं, ताकि मेकर्स सही जवाब दे सकें या जरूरत पड़ने पर बदलाव कर सकें। जब जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और डॉ. नीला गोकले की बेंच ने देखा कि सीबीएफसी का रवैया अड़चन पैदा करने वाला लग रहा है।

फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी'

कोर्ट ने कहा कि बोर्ड बिना वजह सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को जरूरत से ज्यादा जटिल बना रहा है और बेकार की रुकावटें खड़ी कर रहा है। कोर्ट ने सीबीएफसी से कहा, "आप जो वजहें दे रहे हैं, वो सही नहीं हैं। ये नियमों के मुताबिक नहीं है। आप फिल्म रिजेक्ट क्यों कर रहे हैं? ये साफ-साफ क्यों नहीं बता रहे? 11 अगस्त तक आप बताइए कि फिल्म में कौन-कौन से सीन या डायलॉग आपत्तिजनक हैं।"

कारण बताकर फिल्म रिजेक्टकरें

कोर्ट ने सीबीएफसी की कमेटी को निर्देश दिया कि वे फिल्म को अच्छे से देखें और अगर कोई आपत्ति हो, तो साफ और स्पष्ट सुझाव दें, न कि सिर्फ आम कारण बताकर फिल्म को रिजेक्ट करें। कोर्ट ने समयसीमा भी दी है। सीबीएफसी को 11 अगस्त 2025 तक यह बताना होगा कि फिल्म में कौन-कौन से सीन या डायलॉग आपत्तिजनक हैं या क्या बदलाव करने चाहिए।

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14 अगस्त को फिर से कोर्ट में सुनवाई

फिल्म के मेकर्स को 11 अगस्त 2025 को सीबीएफसी की आपत्तियों या सुझाए गए बदलावों पर अपना जवाब देना होगा। इसके बाद यह मामला 14 अगस्त 2025 को फिर से कोर्ट में सुनवाई होगी।

दिलचस्प बात यह है कि सीबीएफसी पहले भी कई राजनीतिक नेताओं पर बनी फिल्मों को सर्टिफिकेट दे चुका है, जिनमें 'पीएम नरेंद्र मोदी' (2019), 'मैं हूं अटल' (2024), 'धर्मवीर' (2022), 'थलाइवी' (2021), 'ठाकरे' (2019), 'यात्रा' (2019), और हाल ही में योगी आदित्यनाथ पर आधारित 'द यूपी फाइल्स' (2024) शामिल हैं।

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