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धर्मेश येलांडे: पढ़ाई छोड़ चपरासी बने थे पर आज डांस की दुनिया में बनाया अपना खास मुकाम

धर्मेश येलांडे, जिन्हें लोग प्यार से ‘डी-सायर’ के नाम से जानते हैं, ने डांस की दुनिया में अपनी खास पहचान बनाई है। उन्होंने रियलिटी शो ‘डांस इंडिया डांस’ से लोकप्रियता हासिल की। धर्मेश ने बाद में फिल्मों में कोरियोग्राफर और एक्टर के रूप में भी काम किया।

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YBN News
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DharmeshYelande Photograph: (IANS)

मुंबई। धर्मेश येलांडे, जिन्हें लोग प्यार से ‘डी-सायर’ के नाम से जानते हैं, ने डांस की दुनियामें अपनी खास पहचान बनाई है। उन्होंने रियलिटी शो ‘डांस इंडिया डांस’ से लोकप्रियता हासिल की और अपनी अनोखी स्टाइल से दर्शकों के दिल जीत लिए। धर्मेश ने बाद में फिल्मों में कोरियोग्राफर और एक्टर के रूप में भी काम किया। रेमो डिसूजा की ‘एबीसीडी’ और ‘स्ट्रीट डांसर 3डी’ जैसी फिल्मों में उनके डांस ने खूब तारीफें बटोरीं। आज धर्मेश युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं और देशभर में डांस के प्रति जुनून बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

करियर की शुरुआत

मालूम हो कि बॉलीवुड और डांस की दुनिया में कई सितारे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी नाम होते हैं, जो अपनी मेहनत और जुनून की वजह से किसी पहचान के मोहताज नहीं होते। धर्मेश येलांडे ऐसे ही एक नाम हैं, जो आज हर घर में जाने जाते हैं। उनकी कहानी सिर्फ सफलता की नहीं है, बल्कि संघर्ष और मेहनत की मिसाल भी है। बचपन से ही डांस के लिए वह पूरे दिल से समर्पित रहे। उनका मन भी इसी में लगता था, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इस चमकती हुई जिंदगी के पीछे कड़ा संघर्ष भी था। धर्मेश ने अपने करियर की शुरुआत में कॉलेज छोड़कर चपरासी की नौकरी भी की थी। नाम और शोहरत पाने से पहले उन्होंने कभी पाई-पाई जोड़कर अपने परिवार का गुजारा किया था।

डांस क्लास में दाखिला

धर्मेश का जन्म 31 अक्टूबर 1983 को गुजरात के वडोदरा शहर में हुआ था। वे एक बहुत साधारण परिवार से हैं। उनके पिता चाय की छोटी दुकान चलाते थे और घर चलाना बहुत मुश्किल होता था। बचपन से ही धर्मेश को डांस का शौक था। वे टीवी पर गोविंदा और अन्य बॉलीवुड डांसरों को देखकर उनकी नकल किया करते थे। घर छोटा होने की वजह से अक्सर वे गलियों में जाकर नाचते और अपनी प्रैक्टिस करते। छठी कक्षा में जब उन्होंने एक डांस प्रतियोगिता जीतकर अपने टैलेंट का सबूत दिया, तो उनके पिता ने उन्हें डांस क्लास में दाखिला दिलाया। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण धर्मेश को पढ़ाई छोड़नी पड़ी। वे 19 साल के थे जब उन्होंने कॉलेज का रास्ता छोड़ दिया और चपरासी की नौकरी शुरू कर दी। इसके साथ-साथ वे बच्चों को डांस भी सिखाने लगे। उस समय उनकी मासिक कमाई लगभग 1,600 रुपए थी। छोटी‑छोटी मेहनत और बचत के जरिए उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने की शुरुआत की। उन्होंने खुद कहा था कि डांस उनके लिए सांस लेने जैसा था और इसलिए वे कभी हार नहीं मानते थे।

सपनों को नया आकार

धर्मेश ने मुंबई आकर अपने सपनों को नया आकार दिया। पहले वे बैकअप डांसर के तौर पर फिल्मों में काम करने लगे। धीरे‑धीरे उनका नाम सामने आया। 'बूगी वूगी' जैसे डांस शो ने उनके करियर को मोड़ दिया। इस शो में जीतने के बाद उन्हें 5 लाख रुपए की पुरस्कार राशि मिली, जिससे उन्होंने अपने परिवार का कुछ कर्ज चुकाया। इसके बाद उन्होंने कई डांस रियलिटी शोज में हिस्सा लिया और कोरियोग्राफी में भी हाथ आजमाया। सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब उन्हें 'डांस इंडिया डांस' में मौका मिला। इस शो ने उन्हें रातों रात लोकप्रियता दिलाई। 

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कोरियोग्राफर और अभिनेता

धर्मेश ने अपनी टीम के साथ कई प्रतिभागियों को तैयार किया और खुद भी जज के रूप में कई सीजन में नजर आए। इसके बाद उन्हें रेमो डिसूजा की फिल्मों 'एबीसीडी' और 'एबीसीडी 2' में कोरियोग्राफर और अभिनेता दोनों के तौर पर काम करने का मौका मिला। इसके अलावा वे 'स्ट्रीट डांसर' जैसी फिल्मों में भी दिखे। धर्मेश ने अपने करियर में कई पुरस्कार और सम्मान हासिल किए। वे न सिर्फ डांसर के रूप में, बल्कि कोरियोग्राफर और जज के रूप में भी पहचान बनाने में सफल रहे।

(इनपुट-आईएएनएस)

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