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AnubhaArora Photograph: (IANS)
मुंबई।फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ 5 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म को अभिषेक अग्रवाल, पल्लवी जोशी और विवेक रंजन अग्निहोत्री ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म में दिग्गज कलाकार मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, अनुपम खेर और दर्शन कुमार जैसे नाम शामिल हैं। इन सितारों के बीच अभिनेत्री अनुभा अरोड़ा भी एक महत्वपूर्ण किरदार में नजर आने वाली हैं। अनुभा का कहना है कि ‘द बंगाल फाइल्स’ केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज और इतिहास से जुड़े अहम मुद्दों को सामने लाने का प्रयास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दर्शक इस फिल्म से गहराई से जुड़ पाएंगे और इसे एक संदेश के रूप में लेंगे।
समाज की गहराइयों और सच्चाइयों
अनुभा अरोड़ा इस फिल्म में गौरी नाम की एक युवा पत्रकार का रोल निभा रही हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि यह किरदार उनके लिए बेहद खास और चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का यह रोल निभाने के दौरान उन्हें समाज की गहराइयों और सच्चाइयों को नजदीक से समझने का मौका मिला।अनुभा ने खुलासा किया कि उन्हें यह किरदार निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री के विश्वास के चलते मिला। उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह बेहद गर्व की बात है कि विवेक सर और पूरी टीम ने मुझ पर भरोसा जताया। यह किरदार मेरे लिए सीखने का बड़ा अवसर साबित हुआ है।”
बातचीत में अनुभा ने फिल्म से जुड़े अनुभव शेयर किए। साथ ही बताया कि यह रोल उन्हें कैसे मिला।
सवाल : ‘द बंगाल फाइल्स’ में विवेक अग्निहोत्री के साथ काम करना कैसा रहा और आपको यह प्रोजेक्ट कैसे मिला?
अनुभा अरोड़ा : यह रोल मुझे तरुण बजाज कास्टिंग एजेंसी से मिला। पहले मैंने तरुण सर के साथ एक स्क्रिप्ट पर ऑडिशन दिया, फिर एक और स्क्रिप्ट पर, जो खास तौर पर मेरे किरदार के लिए थी, उसका ऑडिशन दिया। शॉर्टलिस्ट होने के बाद मैंने ऑफिस में ऑडिशन दिया, फिर एक लुक टेस्ट हुआ और आखिरकार मुझे फाइनल कर लिया गया।
सवाल : अब तक इंडस्ट्री में आपका अनुभवकैसा रहा है?
अनुभा अरोड़ा : कुल मिलाकर अनुभव अच्छा रहा है। मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ रही हूं। प्रोजेक्ट धीरे-धीरे मिले हैं, लेकिन मुझे जो कुछ भी मिला है, उसके लिए मैं आभारी हूं। हर प्रोजेक्ट ने मुझे कुछ न कुछ मूल्यवान सिखाया है।
सवाल : अपने किरदार पर काम करने के बारे में बताइए। सेट पर अधिक गंभीर कौन था, आप या विवेक?
अनुभा अरोड़ा : सच कहूं तो, हम दोनों ही गंभीर थे। विवेक एक दूरदर्शी व्यक्ति हैं। उन्हें ठीक-ठीक पता है कि क्या कैद करना है, क्या सुधारना है, और वह चीजों को सिर्फ एक फिल्म निर्माता के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक दर्शक के तौर पर भी देखते हैं। मैं भी गंभीर थी क्योंकि मेरा किरदार बहुत भावुक था। यह किरदार की दरकार थी।
सवाल : क्या आप अपने किरदार के बारे में कुछ बता सकती हैं और क्या इसमें आपकी असल जिंदगी से कोई समानताएं हैं?
अनुभा अरोड़ा : मेरे किरदार का नाम गौरी है। दिलचस्प बात यह है कि मैं और वह दोनों दिल्ली से हैं। उनकी तरह मैं भी हर चीज को सही या गलत के रूप में ही देखती हूं। मेरे लिए ग्रे शेड वाले लोगों को समझना मुश्किल होता है, जिससे अक्सर चीजें जटिल हो जाती हैं।
सवाल : क्या आपको लगता है कि फिल्म देखने से पहले विरोध सही है?
अनुभा अरोड़ा : नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता। जब तक आप किसी चीज का अनुभव नहीं करते, तब तक आप कोई ठोस राय नहीं बना सकते। यह किसी किताब को उसके कवर से आंकने जैसा है। लोगों को पहले फिल्म को देखना चाहिए और फिर फैसला लेना चाहिए।
(इनपुट-आईएएनएस)