मुंबई, वाईबीएन नेटवर्क ।
actor | cinema | Bollywood | bollywood news | bollywood updates : भारतीय सिनेमा के महानायक मनोज कुमार का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था, लेकिन एक फिल्म ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने अपना नाम ही बदल लिया।
कैसे 'हरिकृष्ण' बने 'मनोज कुमार' ?
1947 का दर्द: पाकिस्तान के एबटाबाद में जन्मे, बंटवारे के बाद दिल्ली के शरणार्थी कैंप में रहे
फिल्मी प्रेरणा: 1954 में दिलीप कुमार की फिल्म 'शबनम' देखी, जिसमें मनोज कुमार नाम का किरदार था
नाम बदलने का फैसला: "अगर मैं एक्टर बनूंगा, तो मनोज कुमार नाम से!"
वो फिल्म जिसने बदल दी जिंदगी
🎬 शहीद (1965): भगत सिंह की भूमिका ने बनाया स्टार
🎬 उपकार (1967): "मेरे देश की धरती सोना उगले..." गाना बना देशभक्ति का गीत
🎬 क्रांति (1981): "जिंदगी की न टूटे लड़ी..." आज भी गूंजता है
- देशभक्ति फिल्मों के लिए समर्पित कर दिया करियर
- पर्दे पर भारतीय संस्कृति और मूल्यों का प्रतिनिधित्व किया
- 1992 में मिला दादा साहब फाल्के पुरस्कार
आखिरी दिनों में कैसे थे ?
लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे
फिल्म इंडस्ट्री से दूर रहते थे
12 जुलाई को मुंबई के विले पार्ले शमशान में हुआ अंतिम संस्कार
क्यों पढ़ें यह स्टोरी ?
जानें कैसे एक शरणार्थी बच्चा बना भारतीय सिनेमा का महानायक
समझें देशभक्ति फिल्मों के इस स्तंभ की विरासत को