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युद्ध की असली कीमत सामान्य जिंदगी जी रहे निर्दोष आम लोग चुकाते हैं: Richa Chadha

भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम के बाद भी जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी गोलाबारी से जुड़वा भाई-बहन की मौत ने देश को झकझोर दिया है। इस घटना पर बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने कहा कि युद्ध की असली कीमत वे निर्दोष आम लोग चुकाते हैं ।

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Ranjana Sharma
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Richa-Chadha
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मुंबई, आईएएनएस: भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा के बाद जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हैं। लेकिन वहां अभी भी पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलाबारी का जख्म नहीं भरा है। इस घटना में पुंछ के दो जुड़वा भाई-बहन की दुखद मौत हो गई। इस दर्द को साझा करते हुए बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया। 

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युद्ध की कीमत आम हमारे सैनिक चुकाते हैं

ऋचा चड्ढा ने 'इंस्टाग्राम' स्टोरी सेक्शन में मृतक बच्चों और उनके परिवार की फोटो शेयर की और मीडिया पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा, ''पुंछ में अपने स्कूल के बाहर पाकिस्तानी गोलीबारी में मारे गए जैन और उरवा... दिल उस परिवार के लिए बहुत दुखी है, जिन्होंने कुछ ही मिनटों में अपने दोनों बच्चों को खो दिया। युद्ध की असली कीमत वो नहीं चुकाते जो टीवी स्टूडियोज में सूट-बूट पहनकर बहस करते हैं, बल्कि वो निर्दोष आम लोग चुकाते हैं जो अपनी सामान्य जिंदगी जी रहे होते हैं।

इस बार कोई गलती न करें

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वहीं, सीजफायर पर बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन ने भी इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था। उन्होंने लिखा, 'अगर यह बात सच है, तो यह स्वागत करने के योग्य फैसला है। लेकिन इस बार कोई गलती न करें, क्योंकि जिस दिन भारत फिर से आतंकवाद से लहूलुहान होगा, तो यह युद्ध की कार्रवाई होगी और इसका भुगतान करने के लिए तैयार रहना होगा। आईएमएफ को इस बात का भी पता लगना चाहिए कि आखिर उनका पैसा कहां जाता है। लेकिन अभी और कभी भी भारत फिर से लहूलुहान नहीं होना चाहिए।

दीपिका कक्कड़ ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया

जानी-मानी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया था। दीपिका ने अपनी 'इंस्टाग्राम' पोस्ट पर लिखा, ''कुछ ही घंटों में युद्धविराम का उल्लंघन... पाकिस्तान की एक और कायरतापूर्ण हरकत! यह न केवल समझौते की भावना का अनादर है, बल्कि शांति की उम्मीद पर भी प्रहार है! पाकिस्तान हमेशा आतंकवाद को शरण देता है और फिर दिखावे के लिए कहता है कि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। यह उनकी पुरानी आदत है! एक आर्मी ऑफिसर की बेटी होने के नाते मैंने बचपन से ही युद्ध की पीड़ा को सुना और महसूस किया है। युद्ध सैनिकों और उनके परिवारों के लिए बेहद दर्दनाक और डरावना अनुभव होता है!!! और सीमा के पास रहने वाले आम नागरिकों के लिए भी यह समय कितना भयानक होता है, इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। कोई भी युद्ध नहीं चाहता। सब यही चाहते हैं कि समस्या का समाधान हो, शांति बनी रहे। लेकिन जब सामने वाला देश कुछ और कहता है और करता कुछ और है, तो फिर अपने देश और लोगों की सुरक्षा के लिए जवाब देना ही एकमात्र रास्ता बचता है। हमारे जवान डटे हुए हैं। भारतीय सशस्त्र बलों पर गर्व है। जय हिंद।''

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