Advertisment

Multi-Level Larketing Fraud Case: फिल्म अभिनेता आलोक नाथ को सुप्रीम कोर्ट से राहत, गिरफ्तारी पर लगी रोक

फिल्म अभिनेता आलोक नाथ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मल्टी-लेवल मार्केटिंग फ्रॉड केस में दर्ज एफआईआर के बाद उनकी गिरफ्तारी की आशंका बढ़ गई थी। आलोक नाथ ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

author-image
YBN News
AlokNathCash

AlokNathCash Photograph: (ians)

नई दिल्ली। फिल्म अभिनेता आलोक नाथको सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मल्टी-लेवल मार्केटिंग फ्रॉड केस में दर्ज एफआईआर के बाद उनकी गिरफ्तारी की आशंका बढ़ गई थी। आलोक नाथ ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। अदालत ने सुनवाई के दौरान उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाते हुए जांच एजेंसियों और संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है। मामले में आरोप है कि आलोक नाथ पर करोड़ों रुपये के निवेश घोटाले से जुड़े होने का शक है। अब अगली सुनवाई तक उन्हें राहत मिल गई है।

करोड़ों रुपये के निवेश घोटाले

मालूम हो कि न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने अभिनेता की याचिका पर हरियाणा पुलिस और अन्य को नोटिस जारी किया है।

हालांकि इस केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता की याचिका पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।आलोक नाथ को मल्टी लेवल मार्केटिंग फ्रॉड केस में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत तो मिली है।सुप्रीम कोर्ट ने आलोक नाथ की गिरफ्तारी पर भी रोक लगाई है। इसी केस में अभिनेता श्रेयस तलपडे को भी सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है। 

श्रेयस तलपड़े की याचिका

वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट अभिनेता श्रेयस तलपड़े की याचिका के साथ आलोक नाथ के केस की सुनवाई करेगा। आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को रद्दकिए जाने की मांग की है।

एक मल्टी मार्केटिंग फर्म

Advertisment

यह पूरा मामला हरियाणा के सोनीपत की एक मल्टी मार्केटिंग फर्म से जुड़ा है। इसमें हुई धोखाधड़ी के आरोप में फिल्म अभिनेता आलोक नाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस कंपनी ने अभिनेता आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े को अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया था।

सोनीपत और लखनऊ दोनों जगह दर्ज की गई एफआईआर में श्रेयस तलपडे, आलोक नाथ समेत 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था। शिकायत में 7 आरोपियों ने कथित तौर पर 45 निवेशकों से 9.12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी होने की बात कही थी।

कई राज्यों में ठगी का बिजनेस

एफआईआर के मुताबिक, इस कंपनी का नाम ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी है, जिसने 16 सितंबर 2016 को हरियाणा और लखनऊ समेत कई राज्यों में ठगी का बिजनेस शुरू किया था। यह सोसाइटी मध्य प्रदेश के इंदौर में रजिस्टर्ड बताई गई थी।

Advertisment

सोसाइटी में निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट जैसी योजनाओं का ऑफर दिया जाता था। अच्छी ब्याज दरों के लालच से कई लोगों ने इस कंपनी में निवेश किया था। 

सोसाइटी ऑफिस अचानक बंद

करोड़ों रुपए हड़पने के बाद पिछले साल नवंबर में सोसाइटी के ऑफिस अचानक से बंद होने लगे, जिसके बाद पीड़ितों ने अलग-अलग जगह इसको लेकर एफआईआर दर्ज कराई। फिलहाल इस कंपनी के संस्थापकों की खोज जारी है। बताया जा रहा है कि पुलिस अभी तक उन्हें पकड़ नहीं पाई है।

Advertisment
Advertisment