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गायक और संगीतकार गजेन्द्र वर्मा ने कहा - एआई म्यूजिक बनाने में मददगार, नियमों को नहीं बदल सकता

हिट गानों के लिए मशहूर गायक और संगीतकार गजेन्द्र वर्मा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आने वाले समय में म्यूजिक बनाने में मदद कर सकता है, लेकिन असली सोच, भावना और क्रिएटिविटी इंसानों की सबसे बड़ी ताकत रहेगी।

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YBN News
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GajendraVerma Photograph: (ians)

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मुंबई, आईएएनएस। 'तेरा घाटा', 'एम्प्टीनैस' और 'मन मेरा' जैसे हिट गानों के लिए मशहूर गायक और संगीतकार गजेन्द्र वर्मा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आने वाले समय में म्यूजिक बनाने में मदद कर सकता है, लेकिन असली सोच, भावना और क्रिएटिविटी इंसानों की सबसे बड़ी ताकत रहेगी।

एआईआने वाले समय में म्यूजिक बनाने में मदद

संगीतकार गजेन्द्र वर्मा ने कहा, ''इंडिपेंडेंट म्यूजिक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये व्यक्तिगत कहानियों पर आधारित होता है। एआई कभी भी इन निजी अनुभवों और भावनाओं को पूरी तरह से नहीं समझ सकता। एआई म्यूजिक में मदद तो कर सकता है, लेकिन इंसानी कहानियों की जगह नहीं ले सकता।''

भावना और क्रिएटिविटी इंसानों की सबसे बड़ी ताकत

गजेन्द्र वर्मा ने बातचीत में आगे कहा, ''एआई एक दिलचस्प चीज है। यह म्यूजिक प्रोडक्शन, सॉन्ग राइटिंग और विजुअल्स जैसी चीजों को आसान बना देगा, लेकिन म्यूजिक सिर्फ टेक्नोलॉजी से नहीं बनता, उसमें इंसान की भावनाएं, दिल की बातें और सच्चे अनुभव होते हैं। इसमें एआई सिर्फ मदद कर सकता है, लेकिन इंसान की जगह नहीं ले सकता। लोग जब कोई गाना सुनते हैं, तो वे सच्ची भावनाओं से जुड़ते हैं और उन भावनाओं को एआई पैदा नहीं कर सकता।''

म्यूजिक भावनाओं का एक हिस्सा

संगीतकार का मानना है कि उनका म्यूजिक उन्हीं की भावनाओं का एक हिस्सा होता है। चाहे वो प्यार हो, दिल टूटना हो या खुद को समझने की कोशिश, जो भी वह महसूस करते हैं, उसे गाने के जरिए बयां कर देते हैं। उन्होंने कहा, "मैंने कभी सोच-समझकर ट्रेंड्स को फॉलो नहीं किया। मैं वही बनाता हूं, जो उस पल मैं महसूस कर रहा होता हूं। शायद इसी वजह से मेरे गाने लोगों के दिल से जुड़ जाते हैं।"

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गजेन्द्र वर्मा ने कहा कि स्ट्रीमिंग के आने से म्यूजिक की दुनिया के नियम ही बदल गए हैं। अब नए कलाकारों को गाने रिलीज करने के लिए किसी म्यूजिक कंपनी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। अब नए और टैलेंटेड लोगों को सीधा मौका मिल जाता है।

स्ट्रीमिंग ने सब कुछ बदल दिया

उन्होंने कहा, "स्ट्रीमिंग ने सब कुछ बदल दिया है। पहले म्यूजिक इंडस्ट्री में या तो फिल्मी गानों का दबदबा था या फिर किसी म्यूजिक लेबल की जरूरत होती थी। अब म्यूजिक इंडस्ट्री ज्यादा खुली और आजाद हो गई है। अब कलाकार अपना गाना सीधे लोगों तक पहुंचा सकते हैं।"

गजेन्द्र वर्मा ने कहा, "मैंने अपनी मेहनत से ऑडियंस बनाई है और मैं आज भी आजाद होकर काम कर पा रहा हूं और आगे बढ़ रहा हूं। सबसे अच्छी बात यह है कि मैं अपने हिसाब से, अपनी शर्तों पर म्यूजिक रिलीज करता हूं।

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