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Supreme Court on Stray Dogs: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बॉलीवुड के कई सितारों ने जताई असहमति

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर (आश्रय स्थल) में भेजने का फैसला सुनाया है। इस फैसले पर सोशल मीडिया पर काफी बहस हो रही है। बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के कई सितारों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है और इसे अमानवीय बताया है।

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YBN News
SonakshiSinha

SonakshiSinha Photograph: (ians)

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मुंबई,आईएएनएस। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर (आश्रय स्थल) में भेजने का फैसला सुनाया है। इस फैसले पर सोशल मीडिया पर काफी बहस हो रही है। बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के कई सितारों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है और इसे अमानवीय बताया है।

आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने का फैसला

सोनाक्षी सिन्हा, जीनत अमान, रूपाली गांगुली और श्रिया पिलगांवकर समेत कई हस्तियों ने सोशल मीडिया पर अपनी बातें रखीं। दिग्गज अभिनेत्री जीनत अमान ने इंस्टाग्राम स्टोरीज सेक्शन पर एक नोट साझा करते हुए लिखा, "दिल्ली में आवारा कुत्तों को हटाने की खबर सुनकर दुख हुआ। मैं दुनिया भर के पशु प्रेमियों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर मानवीय, तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की मांग करती हूं।"

सोनाक्षी सिन्हा

वहीं, सोनाक्षी सिन्हा ने कहा, "हम दिन-ब-दिन दिखा रहे हैं कि हमारा समाज कितना बेरहम होता जा रहा है। हर दिन निराशा ही मिलती है।" टीवी सीरियल 'अनुपमा' फेम अभिनेत्री रुपाली गांगुली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हमारी परंपराओं में कुत्ते भैरव बाबा के मंदिर की रखवाली करते हैं और अमावस्या के दिन इन्हें भोजन खिलाने की प्रथा है। ये कुत्ते हमारी गलियों में पलते हैं, दुकानों की रखवाली करते हैं, और चोरों को भगाते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "उन्हें हटाना मतलब अपने रक्षकों को खोना है। उन्हें दूर शेल्टर में भेजना दया नहीं, बल्कि निर्वासन है। आवारा कुत्ते बाहरी नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, आस्था और सुरक्षा का हिस्सा हैं। उनकी देखभाल करें, टीकाकरण करवाएं, भोजन दें और उन्हें उनके स्थान पर रहने दें।"

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श्रिया पिलगांवकर

श्रिया पिलगांवकर ने भी इस मुद्दे पर कहा, "दया और समझदारी साथ-साथ चलनी चाहिए। मैं मानती हूं कि लोगों की सुरक्षा जरूरी है, लेकिन सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजना न इंसानियत है और न ही यह कोई टिकाऊ समाधान है। भारत में पहले से ही पशुओं के लिए पर्याप्त शेल्टर नहीं हैं, और जो हैं, वो भी ज्यादातर भरे हुए हैं और संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। कुत्तों को उनकी जगहों से हटाने की बजाय हमें ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जिसमें लोग और जानवर एक साथ सुरक्षित रूप से रह सकें।"

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