Advertisment

लखनऊ में खौफ बनकर सड़क पर घूम रहे एक लाख से ज्यादा कुत्ते, नसबंदी के बाद भी बढ़ी संख्या

नगर निगम के अनुसार 2019 में आवारा कुत्तों की संख्या करीब 75 हजार थी। जो अब बढ़कर 1.10 लाख से अधिक हो गई है। नसबंदी पर 9.87 करोड़ की रकम खर्च होने के बाद भी हर गली में इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है।

author-image
Deepak Yadav
street dogs

खौफ बनकर सड़क पर घूम रहे एक लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते Photograph: (google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ के लोग आवारा कुत्तों से असुरक्षित है। इनकी लगातार बढ़ती संख्या के कारण रात में घर से बाहर निकाला दूभर हो गया है। आक्रामक कुत्ते अक्सर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अकेला पाकर उन पर हमला कर देते हैं। कुत्तों का झुंड रात में पैदल जा रहे लोगों और दो पहिया वाहन चालकों का पीछा करके अचानक हमला बोल देता है। जिससे कई गंभीर हादसे हो चुके हैं। ऐसे में लोग रात के समय घर से निकलने से कतरा रहे हैं। या फिर रास्ता बदलकर जा रहे हैं। आवारा कुत्तों के आतंक से रिहायशी इलाकों से लेकर पॉश कॉलोनियां तक लोग दहशत में हैं। 

Advertisment

नसबंदी पर 9.87 करोड़ खर्च

निगम निगम चार साल में 94 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी करने का दावा कर रहा है। नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में आवारा कुत्तों की संख्या करीब 75 हजार थी। जो अब बढ़कर 1.10 लाख से अधिक हो गई है। नसबंदी पर 9.87 करोड़ की रकम खर्च होने के बाद भी हर गली में इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। कुत्तों की दहशत यह है कि रात के समय लोग निकलने से कतरा रहे हैं या फिर रास्ता बदलकर जा रहे हैं, कारण यह है कि कुत्ते झुंड में अचानक हमला बोल रहे हैं।

पशु प्रेमी बनाते हैं दबाव

Advertisment

जब लोग आक्रामक हो गए आवार कुत्तों की शिकायत करते हैं, तो पशु प्रेमी संस्थाएं उन पर दबाव बनाती हैं। शिकायत करने वालों को मुकदमा लिखाने तक की धमकी दी जाती है। इसी वजह से लंबे से से कुत्तों को संरक्षण देने के कानून में संशोधन करने की मांग उठती रही है। नगर निगम सदन में भी यह मुद्दा कई बाद उठ चुका है, लेकिन कार्रवाई फाइलों में ही रह गई है।

इन इलाकों में अधिक दहशत

गोमतीनगर, बटरल पैलेस, जॉपलिंग रोड, सआदतगंज, चौक, डालीगंज, हसनगंज, इंदिरानगर, मोहान रोड, आशियाना, आलमबाग, आईआईएम रोड, राजाजीपुरम एफ ब्लाक, मिनी एलआईजी, सपना कालोनी, कैम्पवेल रोड हज्जी टोला, 
लकड़मंडी, खिन्नी चौराहा, टिकैत राय सचिवालय कालोनी  में कुत्तों की आधिक दहशत है।

Advertisment

5 साल बाद दिखाई देगा नंसबदी का असर

नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि नसबंदी अभियान से आवारा कुत्तों की संख्या पर काबू पाया गया है। नियंत्रण है। नहीं तो यह आंकड़ा ढाई लाख पार कर जाता। उन्होंने बताया कि एक मादा साल में 12 से 16 पिल्लों को जन्म देती है। इसी वजह से समय-समय पर अभियान चलाकर कुत्तो की नसबंदी की जाती है। जिससे इनकी संख्या बढ़ने पर रोक लगे। उन्होंने बताया कि नंसबदी का असर पांच साल बाद दिखाई देगा।

कबड्डी खिलाड़ी और हेड कांस्टेबल की रेबीज से मौत

Advertisment

यूपी के बुलंदशहर में बीते दिनों कुत्ते के काटने से राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी ब्रजेश सोलंकी की मौत हो गई थी। ब्रजेश को एक महीने पहले कुत्ते के पिल्ले ने काट लिया था। ब्रजेश ने लापरवाही में एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं लगवाया था। जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ने लगी बीते रविवार को कबड्डी खिलाड़ी की तड़प-तड़प कर मौत हो गई। अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके अलावा बीते दिनों शामली के पेलखा गांव में कुत्ते के काटने के चार दिन बाद हेड कांस्टेबल दीपक कुमार आर्य (44 वर्ष) की जान चली गई। दीपक ने एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाया था, लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ गई। चिकित्सकों का मौत का कारण रेबीज संक्रमण बताया। 

यह भी पढ़ें- विभूतिखंड समेत कई क्षेत्रों में आज बंद रहेगी बिजली, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल?

यह भी पढ़ें- लखनऊ में होटल, मॉल या अस्पताल के लिए चाहिए जमीन : LDA की सम्पत्ति नीलामी में मौका न चूकें, जानें पूरी डीटेल

यह भी पढ़ें :UP News: जून में 4,458.22 करोड़ की शराब गटक गए यूपी वाले

Advertisment
Advertisment