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मुख्यमंत्री योगी पर आधारित 'film Ajay' में झलकेगा त्याग, संघर्ष और आदर्शों का सफर : दिलीप बच्चन झा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आधारित फिल्म 'अजेय : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए मॉन्क' के साथ मशहूर लेखक दिलीप बच्चन झा बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। 'अजेय' के जरिए उन्होंने न केवल एक राजनीतिक सफर, त्याग, प्रेरणा की गहरी मानवीय कहानी पेश करने की कोशिश की है।

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YBN News
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yogiajay Photograph: (ians)

मुंबई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आधारित फिल्म 'अजेय : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए मॉन्क' के साथ मशहूर लेखक दिलीप बच्चन झा बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। 'अजेय' के जरिए उन्होंने न केवल एक राजनीतिक सफर, बल्कि त्याग, विश्वास और प्रेरणा की गहरी मानवीय कहानी पेश करने की कोशिश की है। यह फिल्म युवाओं को प्रेरित करने और समाज के सामने एक आदर्श स्थापित करने का प्रयास है।

फिल्म 19 सितंबर को होगी रिलीज

यह फिल्म 19 सितंबर को रिलीज होगी। शांतनु गुप्ता की बेस्टसेलिंग किताब 'द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर' से प्रेरित यह फिल्म उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन को दर्शाती है। दिलीप बच्चन झा का कहना है कि सिनेमा का दायित्व है कि वह अपने नेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों के जरिए दर्शकों और युवाओं को प्रेरित करे।

योगी आदित्यनाथ के जीवन को दर्शाती

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उन्होंने कहा, "सिनेमा समाज और समय का आईना है। किसी भी परिपक्व समाज और उसके सिनेमा का दायित्व है कि वह अपने नेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों के जरिए दर्शकों, खासकर युवाओं, को प्रेरित करे। भारत जैसे विशाल, युवा और तेजी से विकसित हो रहे देश में ऐसी प्रेरणायदायक कहानियों की जरूरत बढ़ती जा रही है। इन्हें इस तरह से पेश करना होगा कि युवा पीढ़ी इनसे जुड़ाव महसूस करे।"

कई घटनाएं बेहद प्रेरणादायक

उन्होंने बताया, "मैं उनके जन्मस्थान पंचूर गया, साथ ही ऋषिकेश और कोटद्वार, जहां उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई की। उनके जीवन की कई घटनाएं बेहद प्रेरणादायक और भावनात्मक हैं। योगी बनने से पहले वे अपने परिवार और दोस्तों के बहुत करीब थे। उनकी भी वही आकांक्षाएं थीं, जो किसी मध्यमवर्गीय बच्चे की होती हैं। फिर अचानक समाज सेवा के लिए सब कुछ छोड़ देना, यह सोचकर मैं हैरान था कि उन्होंने और उनके परिवार ने इस भावनात्मक यात्रा को कैसे जिया होगा।"

कहानी में मानवीय पक्ष

वे कहते हैं, "कम उम्र से ही उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। कॉलेज में एक घटना में उन्होंने गुंडों के खिलाफ महिलाओं के लिए आवाज उठाई थी।" उन्होंने बताया, "किताबों में सारी जानकारियां और घटनाएं होती हैं, लेकिन उनमें कहानी का ड्रामा और भावनात्मक पहलू अक्सर कम होता है। एक लेखक के तौर पर मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी कि कहानी में मानवीय पक्ष को इस तरह लाया जाए कि दर्शक उससे जुड़ सकें।"

 (इनपुट-आईएएनएस)

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