फरीदाबाद। वाईबीएन संवाददाता । हरियाणा के फरीदाबाद स्थित जिला नगर योजनाकार विभाग के इंफोर्समेंट अधिकारी राहुल सिंगला के ड्राईवर इरशाद की गिरफतारी से अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों में बेचैनी का आलम है। सूत्रों के मुताबिक राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों ने इस मामले में इरशाद से गहन पूछताछ की। इस पूछताछ के दौरान कई ऐसे तथ्य भी उजागर हुए हैं, जिन्हें जानकर यह मालूम हुआ कि विभाग द्वारा तोडफोड की कार्रवाई को सिरे चढाने के बावजूद आखिरकार अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी कैसे अपनी जेब भरते आ रहे हैं।
अवैध कॉलोनी काटने वालों को देते थे सूचनाएं
राज्य सतर्कता विभाग के एक सूत्र ने वाइबीएन संवाददाता को बताया कि इरशाद और विभाग के कुछ अन्य अधिकारी व कर्मचारी अवैध कॉलोनी काटने वाले भूमाफियाओं से विभाग की सूचनाएं साझा करने की एवज में सुविधा शुल्क वसूलते थे। यह बात पता चलने पर अब डीटीपी राहुल सिंगला भी हैरान हैं कि उनकी व विभाग की प्रत्येक गतिविधि से उन्हीं के विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारी चंद रुपयों के लालच में भूमाफियाओं के साथ साझा कर रहे थे। ऐसे कुछ अधिकारी व कर्मचारी उन भूमाफियाओं को व्हाटसएप कॉल करके सूचना देते थे, जिनकी शिकायतें कार्यालय में आती थी और जिन पर डीटीपी पीला पंजा चलाने की तैयारी करते थे।
बयान निकला हवाई
फरीदाबाद जिले में सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनी एनआइटी विधानसभा क्षेत्र में काटी जाती हैं। ये पूरा इलाका एनआइटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतीश फागना के अंतर्गत आता है। पिछले दिनों विधायक फागना ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके इलाके में किसी भी तरह का अनियोजित विकास व अवैध कॉलोनियां विकसित नहीं होने दी जाएंगी, किंतु उनका यह बयान हवा हवाई ही निकला, कॉलोनाइजर तो धडल्ले से अपना धंधा चला रहे हैं। इसके बाद अवैध कॉलोनाइजेशन का सबसे बडा जाल ग्रेटर फरीदाबाद में फैल रहा है।
दोगुनी कर दी थी सूचना पहुंचाने की फीस
इन भूमाफियाओं पर हाल ही में आए डीटीपी राहुल सिंगला ने शिकंजा कसा हुआ है। यह कहा जा रहा है कि राहुल सिंगला एक ईमानदार अधिकारी है तो ऐसे में उनके अधीनस्थ कुछेक भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी उनकी ईमानदारी को भी भुनाने में जुट गए। डीटीपी के ड्राईवर इरशाद की गिरफतारी के बाद यह मालूम हुआ कि विभागीय सूचनाएं भूमाफियाओं तक पहुंचाने का काम करने वाले लोगों ने अपनी फीस भी दोगुनी कर दी थी। जहां एक सूचना की एवज में दस पंद्रह हजार लिए जाते थे, वहीं अब वे सीधे पचास हजार रुपये वसूल रहे थे।
सीएम ऑफिस भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट
उधर, यह भी पता चला है कि राज्य सतर्कता विभाग एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस मामले की एक गोपनीय रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय तक भेजी हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि सीएमओ की ओर से किसी कार्रवाई की संभावना भी बन रही है। बता दें, सतर्कता विभाग की टीम इरशाद को 22 जून 2025 को एक शिकायतकर्ता से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकडा था।
news | Crime | Latest Crime News