ट्रांस हिंडन, बाईबीएन संवाददाता। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में भगवान गौतम बुद्ध जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर भगवान गौतम बुद्ध के जीवन चरित्र व आदर्शों पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। समारोह में मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने भगवान गौतम बुद्ध के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला।
Ghaziabad News: महाराणा प्रताप हमारे प्रेरणा स्रोत, मेवाड़ में महाराणा प्रताप जयंती समारोहपूर्वक मनाई
उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ऐसे दो महापुरुष हुए जिन्होंने श्रेष्ठ और तनावरहित जीवन मध्यमार्गी होकर जीने का संदेश दिया। भगवान गौतम बुद्ध ने श्रीमद् भगवद्गीता को अपने संदेशों का आधार बनाया। उन्होंने दुख के दो बड़े कारण माने। एक तनाव और दूसरा क्रोध। उन्होंने बताया कि जब तनाव होता है तो क्रोध आता है। इन्हें अपने से अधिक अनुभवी और वरिष्ठों की मदद से दूर किया जा सकता है। लेकिन मोक्ष का मार्ग हमें तलाशने के लिए अपने भीतर ही झांकना होगा।
Shahjahanpur News: मालूपुर विद्यालय में मनाई गई महाराणा प्रताप की जयंती, बच्चों ने दी श्रद्धांजलि
जयकारा लगा देने से ही जीवन सुखमय और श्रेष्ठ नहीं बनाया जा सकता
डॉ. गदिया ने कहा कि केवल नाम जपने या उनके नाम का जयकारा लगा देने से ही जीवन सुखमय और श्रेष्ठ नहीं बनाया जा सकता, महापुरुषों के आदर्शों और उनकी बताई बातों को अमल में लाकर ही हम जीवन की शंकाएं दूर कर सकते हैं। जब ज्यादा परेशानी या कोई समस्या सताये तो क्रोध करने के बजाय हम मौन धारण कर लें। हमारी परेशानी या समस्या अवश्य हल हो जाएगी। भगवान बुद्ध ने अष्टांग विधि से अपने कष्टों व दुखों के निवारण की बात कही है। आज भी हम इस अष्टांग विधि से अपने दुखों व कष्टों पर पार पा सकते हैं। निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि बौद्ध धर्म दर्शन है, धर्म बाद में बना। जीवन के सत्य को जानना है तो भगवान गौतम बुद्ध पर आधारित ‘बौद्ध चरित’ ग्रंथ को पढ़िये। इससे पूर्व डा. गदिया व इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने मां शारदा, भारत माता व भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये एवं दीप प्रज्ज्वलित किया। अंजलि, भावना, प्राची एंड ग्रुप, मुस्कान एंड ग्रुप आदि ने गौतम बुद्ध पर आधारित उपदेश, भजन, कविताएं प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। समारोह में तमाम फैकल्टी सदस्य व छात्र-छात्राएं मौजूद थे।