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गाजियाबाद में ब्राह्मण महासभा ने किया अनुराग कश्यप के बयान का विरोध

Ghaziabad: महासभा के पीठाधीश्वर ब्रह्मऋषि बीके शर्मा हनुमान ने इसे ब्राह्मण समाज का गहरा अपमान बताते हुए अनुराग कश्यप के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज सदा से ज्ञान, एकता और समर्पण का प्रतीक रहा है।

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Deepak Sharma
गाजियाबाद में ब्राह्मण महासभा ने किया अनुराग कश्यप के बयान का विरोध
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मुख्य बिंदु:
•    ब्राह्मण महासभा ने अनुराग कश्यप के बयान को बताया अपमानजनक
•    सरकार से की गई कानूनी कार्रवाई की मांग
•    ब्राह्मण समाज की ऐतिहासिक भूमिका और योगदान को किया गया उजागर
•    बैठक में सैकड़ों ब्राह्मण प्रतिनिधियों की भागीदारी

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गाजियाबाद वाइबीएन संवाददाता। राजनगर दुर्गा टावर आरडीसी विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के तत्वाधान में एक विशाल बैठक का आयोजन कर निर्देशक अनुराग कश्यप द्वारा ब्राह्मणो पर दिए गए बयान को लेकर शहर के विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा में रोष है। 

विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा की बैठक में अनुराग कश्यप के बयान की निंदा करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के पीठाधीश्वर ब्रह्मऋषि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि निर्देशक अनुराग कश्यप ने ब्राह्मणों का अपमान करने की सारी हदें पार कर दीं। उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर जो कुछ कहा, उससे उनके संस्कारों का पता चलता है। ये उनके संस्कार ही हैं कि ब्राह्मणों के खिलाफ बयान देते हुए उन्होंने यह तक नहीं सोचा कि बच्चे व महिलाएं भी इस बयान को पढेंगे तो इसका क्या असर होगा। 

बीके शर्मा ने आगे कहा कि इस तरह का घटिया बयान भारत के इतिहास में शायद ही किसी ने दिया हो। इस बयान से साफ पता चलता है कि उनके संस्कार कैसे हैं। ऐसा फिल्म निर्देशक तो समाज व देश के लिए बहुत ही घातक है क्योंकि वह जो फिल्म बनाएगा वह देश की आपसी एकता व भाईचारे को खंडित करने वाली ही होगी। 

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बीके शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण का जीवन ही सदैव समाज व देश को समर्पित रहा है। सृष्टि के आरंभ से ही ब्राह्मण ही है, जिसने ज्ञान का प्रकाश सर्वत्र फैलाया। बिना किसी भेदभाव के सभी के जीवन को ज्ञान के प्रकाश से भर दिया। प्राचीन समय में गुरूकुल की परम्परा थी, जिसमें राजाओं के बच्चों से लेकर प्रजा के बच्चे भी अध्ययन करते थे और गुरूकुल में सभी को बराबर का दर्जा देते हुए शिक्षा के साथ शस्त्र आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाता था। 

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उन्होंने आगे कहा कि ज्योतिबा फुले व सावित्रीबाई फुले ने भेदभाव के खिलाफ जो अभियान चलाया, उसमें ब्राह्मणों ने ना सिर्फ साथ दिया, बल्कि ज्योतिबा फुले को 20 अस्पताल खोलने में मदद भी थी। सत्यशोधक समाज की स्थापना के समय भी ब्राह्मण उसके स्तंभ थे। पूरे विश्व का मार्गदर्शन यदि किसी ने किया तो ब्राह्मणों ने ही किया क्योंकि ब्राह्मण जाति-पांति, उंच-नीच, भेदभाव सबसे परे हैं। जीवन की सच्चाई को जानकर समाज को उससे अवगतउ कराने वाला, सही मार्गदर्शन देने वाला व ज्ञान के प्रकाश से विश्व को आलोकित करने वाला ब्राह्मण ही है। ब्राह्मण की अहमियत का पता इसी से लग जाता है कि मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक सारे संस्कार ब्राह्मण ही कराता है। अनुराग कश्यप की सोच घटिया है और इसी के चलते वे घटिया फिल्म ही बनाते हैं और हमेशा घटिया ही बोलते हैं। अनुराग कश्यप यह जान लें कि उनके घटिया बयानों से ब्राह्मणों की महानता कम होने वाली नहीं है।

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बीके शर्मा हनुमान कहते हैं कि आचार्य चाणक्य, चंद्रशेखर तिवारी आजाद, बाजीराव बल्लाड, भगवान परशुराम, रामकृष्ण परमहंस, रामधारी सिंह दिनकर, आदि शंकराचार्य, मंगल पांडे, अटल बिहारी वाजपेयी, तात्या टोपे, राजगुरु, परमवीर कैप्टन मनोज पांडे, बाल गंगाधर तिलक, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य, पंडित भीमसेन जोशी, संगीत सम्राट तानसेन, लता मंगेशकर, रानी लक्ष्मीबाई, महाकवि कालिदास, गोस्वामी तुलसीदास, तुम्हारे जैसे हजारों नफरती शुरू होकर खत्म हो जाएंगे, लेकिन ब्राह्मणों की गौरवशाली परंपरा खत्म नहीं होगी।’ बैठक में मुख्य रूप से महेश शर्मा, रविंद्र शर्मा,बृजपाल शर्मा, आरसी शर्मा, देवेंद्र शर्मा, कुमार देवाशीष ओझा, शिव कुमार शर्मा, सुभाष शर्मा, विनीत कुमार शर्मा, सचिन भारतीय, अंकित शर्मा, कार्तिक शर्मा आदि सैकड़ो मौजूद थे।

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