गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
भले ही पुलिस कितने ही दावे करे लेकिन मामलों की रिपोर्ट दर्ज करने के मामले में इस कदर हील-हिवाली की जाती है कि डेढ़ लाख से ज्यादा की नगदी गायब होने जैसे मामलों में भी रिपोर्ट दर्ज करने में 13-13 दिन लग रहे हैं। ताजा मामला पुलिस लाइन्स के पास का है जहां एक कंपनी कर्मचारी के 1.63 लाख रुपये बदमाशों ने साफ कर दिए। लेकिन पुलिस मामले को लटकाती रही।
ये है मामला
सिटी जोन में अंबेडकर रोड, कालकागढ़ी की गली नंबर दो में रहने वाला सन्नी एक निजी कंपनी का कर्मचारी है। रात करीब साढ़े आठ बजे कविनगर थाना क्षेत्र स्थित हरसांस पुलिस लाइन्स के पास लगने वाले बाजार में स्कूटी खड़ी करके खरीद्दारी करने लगा। इसी दौरान अज्ञात बदमाश उसका बैग लेकर चंपत हो गए बैग में कंपनी के 1.58 लाख रुपये के अलावा करीब 5 हजार की सन्नी की निजी रकम भी थी। इसके अलावा उसके दस्तावेज भी थे। सन्नी ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
घटना 10 फरवरी को FIR 23 को
वारदात के तुरंत बाद ही सन्नी ने न सिर्फ पुलिस को घटना की जानकारी दी बल्कि कंपनी मालिक को भी घटना की जानकारी दी। मगर, पुलिस की लेट-लतीफी देखिए कि 13 दिन में सिर्फ घटना की रिपोर्ट लिखने का काम हुआ है। जबकि वारदात को अंजाम देने वालों का अभी तक कोई सुराग नहीं है।
पीड़ित को ही आरोपी साबित करने की कोशिश
पता चला है कि मामले में पीड़ित सन्नी को ही पुलिस आरोपी साबित करने और मनगढ़त कहानी बनाने की बात कहकर मामले को लटकाती रही। उसे टॉर्चर भी किया गया। लेकिन जब वो निर्दोष निकला और उसके खिलाफ कोई साक्ष्य पुलिस नहीं जुटा सकी। तब उच्चाधिकारियों के निर्देश पर केस अज्ञात बदमाशों के खिलाफ दर्ज किया गया है।