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Cyber fraud- न्यूयॉर्क में नौकरी का सपना, साइबर ठगों ने लूटे 8 लाख, मामला दर्ज

पुलिस की जांच जारी है, लेकिन साइबर ठगों को पकड़ना आसान नहीं। परम की मेहनत की कमाई डूब चुकी है, और अब वो सिर्फ इंसाफ की उम्मीद में हैं। ये घटना न सिर्फ उनके लिए, बल्कि हम सबके लिए एक सबक है।

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Kapil Mehra
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाले परम कृष्णात्रय का न्यूयॉर्क में नौकरी का सपना साइबर ठगों ने चकनाचूर कर दिया। एक फर्जी ऑफर लेटर, चिकनी-चुपड़ी बातें, और वीजा के नाम पर ठगी ये कहानी सिर्फ परम की नहीं, बल्कि उन तमाम लोगों की है, जो ऑनलाइन नौकरी के चक्कर में अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं। आठ लाख रुपये की ठगी की ये वारदात साइबर क्राइम की नई हकीकत बयां करती है। 

लिंक्डइन से शुरू हुआ सपना

परम कृष्णात्रय, इंदिरापुरम के न्यायखंड-दो के निवासी, लंबे समय से नौकरी की तलाश में थे। लिंक्डइन जैसी प्रोफेशनल वेबसाइट उनके लिए उम्मीद की किरण थी। 1 मार्च को उन्होंने न्यूयॉर्क की मशहूर कंपनी पटेल ब्रदर्स में स्टोर मैनेजर के पद के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। सपना बड़ा था विदेश में नौकरी, शानदार वेतन, और आरामदायक जिंदगी। लेकिन ये सपना जल्द ही साइबर ठगों के जाल में फंस गया। 

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फर्जी ई-मेल और ठगी का जाल

आवेदन के कुछ दिन बाद परम को एक ई-मेल मिला, जो कथित तौर पर पटेल ब्रदर्स की वेबसाइट से था। इसमें उन्हें फाइनल राउंड साक्षात्कार के लिए चुने जाने की बात कही गई। फिर शुरू हुआ ठगों का खेल। फोन कॉल्स, चिकनी बातें, और न्यूयॉर्क में मैनेजर की नौकरी के साथ-साथ आवास और मोटा वेतन का लालच। ठगों ने परम को इतना भरोसा दिलाया कि वो उनके जाल में फंस गए।

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अगला कदम था फर्जी ऑफर लेटर। ई-मेल पर भेजे गए इस लेटर में स्टोर मैनेजर की नौकरी पक्की होने की बात थी। लेकिन इसके लिए वीजा प्रोसेसिंग के नाम पर परम से पैसे मांगे गए। भरोसे में आकर परम ने कुल 8 लाख 2 हजार 360 रुपये ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। लेकिन न नौकरी मिली, न वीजा, और न ही पैसे वापस। ठग फुर्र हो गए। 

साइबर थाने में शिकायत, पुलिस की जांच

जब परम को ठगी का अहसास हुआ, तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। उन्होंने तुरंत गाजियाबाद के साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। एसीपी अपराध अंबुज कुमार ने बताया कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और ठगों की तलाश शुरू कर दी है। फर्जी ई-मेल, बैंक खातों, और साइबर ट्रेल्स के आधार पर जांच चल रही है। लेकिन सवाल ये है कि क्या परम को उनका पैसा वापस मिल पाएगा?

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साइबर ठगी का नया चेहरा

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ये घटना साइबर क्राइम की उस दुनिया को उजागर करती है, जहां ठग प्रोफेशनल प्लेटफॉर्म्स जैसे लिंक्डइन का इस्तेमाल कर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। फर्जी ऑफर लेटर, कंपनी के नाम का दुरुपयोग, और वीजा जैसे लालच ये सब अब ठगों का हथियार बन चुके हैं। परम जैसे लोग, जो मेहनत और ईमानदारी से अपने सपने पूरे करना चाहते हैं, इनके आसान शिकार बन रहे हैं। 

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