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Dispute - किसान और निगम आमने सामने, जमीन का मालिक कौन ?

नंदग्राम में बंजर भूमि को पहले तहसीलदार और एसडीएम ने नगर निगम की घोषित कर दी। इसके कुछ समय बाद उन्होंने ही इसी भूमि को किसान की बता दी। अब दोनों कागज को लेकर किसान और नगर निगम में ठन गई है।

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Kapil Mehra
Nagar Nigam GZB
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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

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गाजियाबाद में भूमि को लेकर नगर निगम और एक किसान आमने सामने आ गए है, गौरतलब है कि कुछ समय पहले नगर निगम ने नन्द क्षेत्र में निगम की 100 बीघा जमीन को भू माफियाओं से कब्ज़ा मुक्त करवाया था जिसके लिए 9 लोगों पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था, अब उस ही जमीन पर दुबारा विवाद उत्पन्न हो गया है।

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ग़लती किसकी ?

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जिस जमीन को महापौर ने कब्जा मुक्त करवाया था वह बंजर भूमि को पहले तहसीलदार और एसडीएम ने नगर निगम की घोषित कर दी। इसके कुछ समय बाद उन्होंने ही इसी भूमि को किसान की बता दी। अब दोनों कागज को लेकर किसान और नगर निगम में ठन गई है।

जमीन निगम की है - महापौर 

महापौर सुनीता दयाल का कहना है कि नगर निगम की जिस भूमि को किसान की बताई गई है। वह अभिलेखों में भी नगर निगम के नाम ही है। कहां से क्या गड़बड़ी हुई है। इसके लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच करवाई जाएगी।

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उसी विवादित नंदग्राम की भूमि पर किसान द्वारा प्लाट काटकर बेचा जा रहा है। महापौर ने नगर निगम के अधिकारियों को कार्य रुकवाने और दोबारा भूमि पैमाइश का आदेश दिया है।

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गौरतलब है कि सिहानी के नंदग्राम में खसरा संख्या 36 में नगर निगम की लगभग 0.990 हेक्टेयर लगभग 10 बीघे भूमि है। इसपर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा बोर्ड भी लगाया गया है।

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कागज़ों में भूमि किसान की

लेकिन इसी भूमि को कागजों में तहसील के कर्मचारियों ने किसान की बता दी। इसके बाद किसान द्वारा उक्त भूमि की मेड़बंदी भी कर दी गई। इसी भूमि में से कुछ हिस्से में किसान द्वारा निर्माण कार्य भी कराया गया है।

तहसीलदार रविकुमार सिंह ने बताया कि नगर निगम की भूमि को किसान के नाम दर्ज नहीं किया गया है। भूमि का चिह्नांकन न होने के कारण कागज को गलत रूप से प्रस्तुत किया जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर दोबारा पैमाइश के लिए पत्र लिखा जाएगा।

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महापौर सुनीता दयाल ने अभी कुछ दिनों पहले ही नंदग्राम में नगर निगम की भूमि पर जाकर कब्जे को रुकवाया था। यहां नगर निगम की लगभग 100 बीघे भूमि पर प्लाट काटकर बेच दिया गया था। जिस महापौर ने नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिया है।

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