गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
वेस्टर्न यूपी के बीजेपी नेता या जनप्रतिनिधियों में बेबाक बयानी और सनातन व हिन्दुत्व के मुद्दे पर बोलने वाले संगीत सोम की ही तरह के लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर पिछले करीब चार हफ्ते से नंगे पैर हैं। फटा कुर्ता पहनकर घूम रहे हैं। लखनऊ से दिल्ली तक अलग-अलग माध्यमों से लोनी में 20 मार्च को कलश यात्रा के दौरान हुई कथित बर्बरता के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते घूम रहे हैं। लेकिन केंद्र व प्रदेश में अपनी सरकारें होने के बावजूद उन्हें अपनी शपथ के चलते अब तक नंगे पैर ही घूमना पड़ रहा है। उनकी इस लड़ाई सहित पार्टी, संगठन की इस अनदेखी समेत तमाम मुद्दों पर यंग भारत न्यूज ने वीरवार को नंदकिशोर से लंबी बातचीत की। इस दौरान न सिर्फ उन्होंने अपना दर्द साझा किया बल्कि अपनी लड़ाई को परिणाम तक ले जाने की अपनी प्रतिबद्धता भी जाहिर की।
प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
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प्रश्न-केंद्र-प्रदेश में आपकी सरकार है, फिर भी 20 मार्च से अब तक न्याय के लिए इस हालत में घूमना पड़ रहा है। क्यों?
जवाब-जिले के कमिश्नर से लेकर लखनऊ में बैठे कुछ अफसरों ने योगीजी को गलत फीड़बेक दे दी। जिसके चलते सनातन की अस्मिता से जुड़े इस मसले पर सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। लेकिन ऐसा नहीं है। मैने अपने प्रयासों से सही जानकारी और तथ्य न सिर्फ सीएम योगी तक पहुंचाए हैं, बल्कि संगठन के माध्यम से भी वरिष्ठों को भेजे हैं। कार्रवाई होनी तय है।
प्रश्न-सूबे में 7 कमिश्नर हैं, मगर गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर क्या इतने पावरफुल हैं कि उनके खिलाफ आपके द्वारा इतने मामले उठाए गए। लेकिन एक्शन नहीं हो रहा। क्यों?
जवाब-देखिए जैसा मैने पहले कहा कि पुलिस कमिश्नर और कुछ लखनऊ में बैठे इनके आका गाजियाबाद को लेकर गलत फीडबेक दे रहे हैं। जिसके चलते ऐसा हो रहा है। मगर, ज्यादा दिन तक ये चलने वाला नहीं है। पाप का घड़ा एक न एक दिन भरेगा जरूर। इतिहास गवाह है कि असुरों का नाश निश्चित है। कुछ जल्दी हो जाता है कुछ में थोड़ा वक्त लगता है।
प्रश्न-क्या वजह है कि आपके मामले पर न योगीजी सुन रहे, न संगठन और ना ही स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि ही आपके पक्ष में नहीं खड़े हो रहे?
जवाब-कोई कमिश्नर के साथ भी तो नहीं है। और फिर सांसद अतुल गर्ग तो कह चुके हैं कि लोनी में कलश यात्रा में जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था। नहीं होना चाहिए था। तमाम स्थानीय संगठन और और जनप्रतिनिधि भले ही कुछ बोल नहीं रहे। मगर जानते हैं कि जो हो रहा है, वो गलत है। यही वजह है कि किसी ने अब तक कमिश्नर के पक्ष में कुछ न कहकर मेरी लड़ाई का मौन समर्थन किया है।
प्रश्न- कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा से मीडिया ने आपको लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा था कि परिवार में एक नालायक बेटा माता-पिता को भी गाली दे देता है। समझाएंगे।
जवाब-ऐसा उन्होंने नहीं कहा। यदि कहा भी होगा तो हो सकता है कि उस वक्त उनकी मानसिक स्थिति ठीक न हो। देखिए मैं अपनी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं लड़ रहा। ना ही ये गुर्जर समाज की लड़ाई है। ये सनातन के सम्मान की लड़ाई है। और इस लड़ाई में कुछ असुरों के खिलाफ न सिर्फ हिन्दू बल्कि मुस्लिम समाज भी मेरे साथ है।
प्रश्न-तो आखिर कब तक बीजेपी का विधायक यूं ही नंगे पैर और फटे कुर्ते को पहनकर घूमता रहेगा?
जवाब-प्रभु राम बुराइयों और असुरों के संहार के लिए 14 वर्ष तक वनवास में रहे। मुझे तो अभी सिर्फ करीब चार हफ्ते ही हुए हैं। बुराई के खिलाफ लड़ाई के लिए मुझे जितने भी दिन ऐसे रहना पड़े रहूंगा। लेकिन जीत सत्य की होगी और हार असुर और बुराई की होगी, देख लेना। रही बात दिल्ली कूच की तो बड़ी दीदी (उमा श्री भारती) ने पार्टी हाईकमान के कहने पर ही मुझे बुलाकर बात की है। आंदोलन को स्थगित कराने को कहा है। जल्द ही इस मसले पर पार्टी और संगठन कड़ा फैसला लेगा, और खुद को अमर समझने वाले असुरों का संहार होगा।